ईरान में हिजाब नहीं पहना तो देना पड़ेगा 49 लाख रुपए का जुर्माना
तेहरान। कट्टर इस्लामिक कायदे-कानून वाले मुल्क ईरान में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए जूझ रही हैं। इसबीच ईरान की संसद ने एक नया कानून महिलाओं के ड्रेस कोड को लेकर बनाया है। इस कानून के तहत अगर महिलाएं हिजाब नहीं पहनेंगी तो उन्हें 49 लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। ईरान के सांसद हुसैनी जलाली नए कानून के प्रावधानों की पुष्टि करते हुए कहा कि जुर्माने के अलावा लड़कियों-महिलाओं ने अगर नया ड्रेस कोड को फॉलो नहीं किया तो उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाएंगे। इसके साथ ही उनके इंटरनेट इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी लगा दी जाएंगी।
महसा अमीनी की मौत के बाद बढ़ा था विवाद
लड़कियों और महिलाओं के बढ़ते प्रदर्शनों से ईरानी सरकार ने सख्ती दिखाई। पिछले कुछ महीनों में ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई बड़े शहरों में महिलाएं सड़कों पर उतरी हैं, बड़ा प्रदर्शन तब शुरू हुआ, जब ईरान में पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी नाम की महिला की मौत हो गई थी, ये घटना सितंबर 2022 की है, इसके बाद मुल्क में व्यापक स्तर पर हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए।
प्रदर्शन करने वालों को उतारा था मौत के घाट
ईरान में पिछले 6 महीनों से हिजाब के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों के लिए ये नया कानून बड़ा झटका है। 2022 में यहां पर खुले-विचारों वाली महिलाएं और लड़कियां हिजाब पहनकर रखने का विरोध करने सड़कों पर उतरीं। इस दौरान पुलिस और कट्टरपंथियों ने कई लड़कियों की हत्या कर डाली। ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच 18 साल से कम उम्र के कई युवा मौत के घाट उतार दिए गए। दुनियाभर में इन घटनाओं पर ईरानी सरकार को दुत्कारा गया।
बारिश कम होने की वजह हिजाब न पहनना
ईरान में इस्लामी कायदे-कानूनों के नाम पर कितनी कट्टरता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई के करीबी मोहम्मद मेहदी होसैनी ने कहा था कि कम बारिश होने की वजह महिलाओं का हिजाब न पहनना है। उन्होंने तर्क दिया कि सभी महिलाएं हिजाब पहनेंगी तो अल्लाह बारिश कराएंगे।
ईरानी धर्म गुरु अराकी बोले- हिजाब के बिना आजाद नहीं महिलाएं
इधर ईरानी धर्म गुरू मोहसेन अराकी ने महिलाओं के हिजाब न पहनने की तुलना कोरोना से करते हुए कहा, हम कोरोना वायरस की तरह हिजाब के खिलाफ चले ट्रेंड को फैलने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मनों का मकसद ईरान की महिलाओं की आजादी को खत्म करना है, क्योंकि एक महिला हिजाब के बिना आजाद नहीं रह सकती है। इससे वो हमेशा दूसरों की हवस के निशाने पर रहेंगी।
महिलाएं बिना कपड़ों के बाहर आएं, उससे पहले हिजाब पहनना जरूरी हो
वहीं ईरानी मौलवी मुहम्मद नबी मौसवीफारद ने सरकार से अपील कर कहा कि इससे पहले की महिलाएं गर्मियों में बिना कपड़े पहने घर से बाहर आएं सरकार को हिजाब पर कोई सख्त कानून बनाना चाहिए।