अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ सालों बाद देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा : सिब्बल

अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ सालों बाद देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा : सिब्बल

जबलपुर। संविधान तभी चल सकता है जब सब संस्थाएं ईमानदारी से काम करें। यहां हम देख रहे हैं संस्थाएं चाहे वो गर्वनर हों, ईडी हो सीबीआई हो, वाइस चांसलर हों ये जो भी इंस्टीट्यूशन हैं कोई भी हो हर एक के काम में इतनी गिरावट आ चुकी है कि हमें ऐसा नहीं लगता कि आने वाले कुछ सालों में लोकतंत्र रहेगा यदि ऐसा ही चलता रहा। ये कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री व देश के ख्यातिलब्ध अधिवक्ता कपिल सिब्बल का। वे शनिवार को राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के मानहानि प्रकरण में उनका पक्ष कोर्ट में रखने आए थे। सिब्बल ने कहा कि हम किसी ने नहीं डरते और न डरेंगे। देश संविधान से चलता है और हम संविधान के सिपाही हैं।

मैंने विचारधारा नहीं बदली

नेताओं के कांग्रेस छोड़कर जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने विचारधारा नहीं छोड़ी आप गलतफहमी में हैं। लड़ाई तो मेरी वही है, पार्टी छोड़ी है तो क्या हुआ? मैं काहे को विवेकजी के साथ यहां आया हूं। मुझमें और इनमें कोई फर्क नहीं है। 75 साल की उम्र में मुझे चुनाव की कोई चाह नहीं है, पद की चाह नहीं है। भारत आगे बढ़े सही अर्थों में अमृत काल हो यही मेरी लगन है। पीएम मोदी पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत सवालों के जवाब मैं नहीं दूंगा।