आईटी प्रोफेशनल युवक ने खिलौने बांटते-बांटते बना दी स्मार्ट आंगनबाड़ी

आईटी प्रोफेशनल युवक ने खिलौने बांटते-बांटते बना दी स्मार्ट आंगनबाड़ी

ग्वालियर। आंगनबाड़ी का नाम आते ही हम सबके मन में सरकारी सिस्टम से बेहाल आंगनबाड़ी की तस्वीर उभर आती हैं, लेकिन शहर के समाजसेवी और आईटी प्रोफेशनल हेमंत निगम ने बच्चों के लिए कुछ अलग करने के जुनून में एक सरकारी आंगनबाड़ी को गोद लेकर उसकी सूरत ही बदल दी। हेमंत ने चार वर्षों में इस आंगनबाड़ी में इतने काम किए कि अब यह केवल ग्वालियर में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा में है। यह अन्य आंगनबाड़ियों से बिलकुल अलग और प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर नजर आती है। यह आंगनबाड़ी रेशम मिल स्थित झलकारी बाई पार्क वार्ड क्रमांक-16 में स्थित है।

वाटर कूलर से लेकर स्मार्ट टीवी तक कई चीजें मौजूद

इसमें बच्चों के लिए वाटर कूलर, एसी खुद हेमंत ने लगवाए हैं। इसके साथ ही दीवारों पर मनमोहक पेंटिंग भी हैं। यहां प्राइवेट स्कूलों की तरह ही बच्चों को टीवी स्क्रीन पर पढ़ाया जाता है। हेमंत का कहना है कि यह प्रदेश की एकमात्र एसी आंगनबाड़ी है। इस कारण अभिभावक भी यहां बच्चों को शिक्षा हासिल करने भेजते हैं। यहां करीब 50 से अधिक बच्चे हर रोज पढ़ाई करने आते हैं।

मुख्यमंत्री चौहान भी कर चुके हैं सम्मानित

हेमंत का कहना है कि अपनों के लिए सब जीते हैं, दूसरों के लिए जीना ही असली जिंदगी है। पहले वह गरीब बच्चों को खिलौने बांटते थे, इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। इसके बाद पूर्व कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की बात कही तो उन्होंने एक आंगनबाड़ी को गोद लेने का फैसला लिया। उनके द्वारा किए गए कार्य की वजह से हाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित भी किया। हेमंत ने बताया कि उनके द्वारा अभी तक इस आंगनबाड़ी में पांच लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं। जरूरत पड़ने पर वह आगे भी राशि खर्च करने से पीछे नहीं हटेंगे। गर्भवती महिलाओं, बच्चों का टीकाकरण भी: हेमंत द्वारा इस आंगनबाड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी बनवाया गया है। यहां पर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का टीकाकरण किया जाता है।