ब्रह्मांड के राज खोलने इसरो भेजेगा एक्सपोसेट सैटेलाइट
नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी की सुबह करीब 9 बजे इसरो इतिहास रचने जा रहा है। साल के पहले ही दिन श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से ढङ्मरअळ (एक्सपोसेट) सैटेलाइट की लॉन्चिंग होगी। यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा। उनके स्रोतों की तस्वीरें लेगा। इसमें लगे टेलिस्कोप को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। यह सैटेलाइट ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले स्रोतों की स्टडी करेगा। जैसे- पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनरी, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई, नॉन-थर्मल सुपरनोवा। सैटेलाइट को 650 किमी की ऊंचाई पर तैनात किया जाएगा।
पोलिक्स चमकदार चीजों की करेगा स्टडी
पोलिक्स इस सैटेलाइट का मुख्य पेलोड है। इसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर ने मिलकर बनाया है। 126 किलोग्राम का यह यंत्र अंतरिक्ष में स्रोतों के चुंबकीय फील्ड, रेडिएशन, इलेक्ट्रॉन्स आदि की स्टडी करेगा। यह 8-30 केईवी रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा। पोलिक्स अंतरिक्ष में मौजूद 50 में से 40 सबसे ज्यादा चमकदार चीजों की स्टडी करेगा।
9.50 करोड़ रु. है मिशन की लागत बता दें, इस मिशन की शुरुआत इसरो ने साल 2017 में की थी। इस मिशन की लागत 9.50 करोड़ रुपए है। लॉन्चिंग के करीब 22 मिनट बाद ही एक्सपोसैट सैटेलाइट अपनी निर्धारित कक्षा में तैनात हो चुका होगा। इस सैटेलाइट में दो पेलोड्स हैं। पहला - पोलिक्स और दूसरा एक्सपेक्ट है।
एक्सपेक्ट करेगा ब्लैक होल बाइनरी आदि की स्टडी
एक्सपेक्ट मतलब एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी एंड टाइमिंग। यह 0.8-15 केईवी रेंज की एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा। यानी यह पोलिक्स की रेंज से कम एनर्जी बैंड की स्टडी करेगा। यह पल्सर, ब्लैक होल बाइनरी, लो-मैग्नेटिक फील्ड न्यूट्रॉन स्टार, मैग्नेटार्स आदि की स्टडी करेगा।
पीएसएलवी रॉकेट की 60वीं उड़ान होगी
XPoSAT सैटेलाइट का कुल वजन 469 किग्रा है, जिसमें 144 किग्रा के दो पेलोड्स हैं। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड से पीएसएलवी रॉकेट से इसे लॉन्च किया जाएगा। अब तक पीएसएलवी रॉकेट की 59 उड़ानें हो चुकी है। उनमें से सिर्फ दो लॉन्च ही फेल हुए हैं। इधर अमेरिका ने गुप्त मिशन पर भेजा अपना अंतरिक्ष यान
दुनिया के ताकतवर देशों के बीच छिड़े स्पेस वॉर के बीच अमेरिका ने अपना एक अंतरिक्ष यान गुप्त मिशन पर भेजा है। अमेरिका ने अंतरिक्ष में भेजे गए अपने इस विशेष अंतरिक्ष यान के मकसद का कोई खुलासा नहीं किया है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बहुत ही गुप्त तरीके से अपने इस मिशन को लांच किया है। इससे चीन और रूस जैसे अमेरिका के प्रतिद्वंद्वियों की नींद उड़ गई है। यह अमेरिकी सेना का एक्स- 37बी अंतरिक्ष विमान है, जो गुरुवार को कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी। 2 वर्ष के लिए चलेगा मिशन माना जा रहा है कि यह मिशन अगले कम से कम दो वर्ष तक चलेगा। पिछले कुछ मिशन की तरह ही छोटे स्पेस शटल जैसा दिखने वाला यह विमान कई खुफिया मिशन को अंजाम देगा। तकनीकी समस्याओं के कारण विमान ने निर्धारित समय से दो सप्ताह से अधिक की देरी के बाद उड़ान भरी। इसमें कोई अंतरिक्ष यात्री सवार नहीं है।