आईएसबीटी चौराहा कब्जों के जाल में,रोड पर हो रही लोडिंग-अनलोडिंग
जबलपुर। बसों का संचालन बढ़ने के साथ ही आईएसबीटी में अराजक यातायात और दिन ब दिन बढ़ते जा रहे कब्जों के चलते यात्रियों को परिवार के साथ मुख्य परिसर में पहुंचना दुश्कर काम बन गया है। इसकी वजह यह है कि दीनदयाल चौराहे पर ही बस चालक- परिचालक सामान और यात्रियों को उतारने व चढ़ाने का काम कर रहे हैं। चौराहे की रोटरी के इर्द-गिर्द बसें खड़ी करने से जाम के हालात भी बन रहे हैं और इस व्यस्त चौराहे पर अन्य वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बस चालक इस कदर मनमानी पर आमादा हैं कि वे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कायदे से परिसर के अंदर ही यात्रियों या उनके सामान को उतारना और चढ़ाना चाहिए,मगर ऐसा हो नहीं रहा है। इसके कारण परिसर में अंदर जाकर टिकट लेकर बस में बैठने के लिए पहुंचने वाले यात्री चौराहे से ही परेशान होने लगते हैं।
निजी बस ऑपरेटर यदि अपनी बसें परिसर के अंदर खड़ी करते हैं तो उन्हें तय शुल्क देना होता है जिसे बचाने के लिए वे अपनी बसों को लाइन से रोड किनारे दोनों ओर खड़ी कर देते हैं। उनसे कई बार इस संबंध में बोला गया है मगर वे सुनने को तैयार नहीं नहीं हैं।
परिसर के सामने की रोड पर पूरा कब्जा
निजी बस ऑपरेटरों ने आईएसबीटी के मुख्य द्वार की सड़क जो कि माढ़ोताल के नए ब्रिज से लेकर दीनदयाल चौक तक जाती है में रोड के दोनों ओर अपनी बसों का अघोषित स्टैंड बना लिया है और यहां पर हर वक्त दर्जनों बसें खड़ी रहती हैं जो अपने नंबर का इंतजार करती हैं। नियम से इन्हें परिसर के अंदर होना चाहिए मगर मनमानी के चलते ऐसा नहीं किया जा रहा है।
सैकड़ों की संख्या में पहुंचे अतिक्रमण
यहां पर सुबह से लेकर रात तक चौराहे और इसके करीब 300 मीटर व्यास में चारों सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में अस्थाई कब्जे जम जाते हैं जो ठेले-टपरे और रोड किनारे दुकान लगाने वाले हैं। यहां पर अन्याक्रान्ति दस्ते की नजर नहीं पड़ती और जाम लगने लगता है। वहीं कई बार दुर्घटनाएं भी हो रही हैं।
हो सकती है बड़ी दुर्घटना
दीनदयाल चौक की रोटरी के इर्द-गिर्द होने वाली लोडिंग-अनलोडिंग समय रहते न रोकी गई तो कभी भी यहां बड़ा हादसा होने का डर है। इसी तरह यहां पर चंद महीनों में ही हुए सैकड़ा अस्थाई कब्जों को भी हटाया जाना जरूरी है जिससे यात्रियों की पहुंच सुगम हो सके।
आईएसबीटी के सामने की रोड में निजी ऑपरेटरों को बसें खड़ी न करने कई बार बोला गया है इस बारे में टीएल बैठक में भी यह समस्या रखी गई है। प्रशासन को निर्णय लेना है। सचिन विश्वकर्मा,प्रभारी आईएसबीटी, ननि।