आज की रात नींद नहीं आएगी, सुना है तेरी महफिल में रतजगा है
जबलपुर। पुरानी फिल्म का गाना है साकिया आज मुझे नींद नहीं आएगी,सुना है तेरी महफिल में रतजगा है। यह गाना वर्तमान में कांग्रेस भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों पर फिट बैठ रहा है। उनकी नींदे उड़ी हुई हैं। कल यानि गुरूवार को कौन-कौन बागियों ने नाम वापस लिए यह स्पष्ट हो जाएगा मगर बुधवार की रात कई प्रत्याशियों की नींद उड़ाएगी। हालाकि दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। जहां सीएम शिवराज ने बुधवार को डुमना एयरपोर्ट पर उत्तर-मध्य से ताल ठोक रहे कमलेश अग्रवाल को बुलवाकर समझाईश दी और उन्हें चुनाव में न खड़े होने को लेकर मना लिया,वहीं कांग्रेस से विवेक तन्खा एक्टिव हो गए। उन्होंने पनागर में विनोद श्रीवास्तव,पाटन में श्यामसुंदर बब्बू यादव और पूर्व क्षेत्र से पार्षद शफीक हीरा को चुनाव मैदान से हटने मना लिया है। इन प्रत्याशियों पर व रिष्ठों की समझाईश का कितना असर हुआ है ये गुरूवार को साफ हो जाएगा।
सबको एडजेस्ट करने का भरोसा दिलाया गया
जिन-जिन बागियों को समझाईश दी गई है सभी को एक ही बात समझाई गई है कि चुनाव के बाद एडजेस्ट किया जाएगा। जहां भाजपा नेता बागियों को समझा रहे हैं कि सरकार बनने पर उन्हें अच्छा पद दिया जाएगा वहीं कांग्रेस नेता सरकार बनने पर बागियों को उचित पद देने का वादा कर रहे हैं।
सिहोरा-पनागर से कौशल्या बनीं चुनौती
कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्रीरहीं कौशल्या गोंटिया ने पनागर व सिहोरा से नामांकन दाखिल किया है। उनके तेवर भी उग्र हैं। अब वे अपने वरिष्ठ नेताओं की कितनी सुनती हैं गुरूवार को ही स्पष्ट होगा।
पूर्व क्षेत्र से राजेश सोनकर
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर ने भी नामांकन भरा है। वे सोनकर समाज में खासी दखल रखते हैं और कांग्रेस की वोट प्रभावित कर सकते हैं। उनसे वरिष्ठ नेताओं ने संपर्क किया या नहीं अभी जानकारी नहीं है। उनके पत्ते भी गुरूवार को ही खुलेंगे।
गोटेगांव में अड़े शेखर
नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव विधानसभा सीट से पहले शेखर चौधरी को कांग्रेस ने टिकट दी थी 2 दिन बाद यह टिकट काटकर एनपी प्रजापति को दे दी गई। क्षुब्ध शेखर ने नामांकन रैली में अपनी ताकत दिखाई और सबको चौंका दिया। बताया जाता है कि वे नेताओं की भी नहीं सुन रहे हैं और निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने का फैसला कर चुके हैं।