मैंने टीवी में इसलिए काम करना छोड़ा, क्योंकि उसमें रुढ़िवाद दिखाया जा रहा था
टीवी में काफी रूटीन तरह का काम हुआ करता था, मैंने टीवी में इसलिए काम करना छोड़ा, क्योंकि उसमें रुढ़िवाद ज्यादा दिखाया जा रहा था। जैसे औरतों को लेकर टिपिकल माइंडसेट के साथ कि वे सिर्फ किचन में रहकर काम करती हैं और सास-बहू की लड़ाई चलती है। वह एक दौर तक चलता रहा और हमारी तो खासियत है कि एक बार कोई चीज चल जाए तो सब उसे कॉपी करने लगते हैं। मेरा मन ऊब गया था, यही कारण है कि टीवी की स्लो डेथ हुई है। यह बात फिल्म 12वीं फेल के प्रमोशन के लिए भोपाल आए एक्टर विक्रांत मैसी ने कहीं। विक्रांत ने आईएम भोपाल से खास बातचीत की।
बिजनेस को दी जा रही प्रायोरिटी : क्रिएटिविटी को मारकर बिजनेस को प्रायोरिटाइज किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात की चैनल के डिसीजन मेकर्स का क्रिएटिविटी से कोई लेना देना नहीं है, वे सिर्फ एमबीए करके आते हैं और सूट-बूट पहनकर हमें बताते हैं कि टीवी शो कैसे करना है। यह तरीका ठीक नहीं है।
परफॉर्मिंग आर्ट और पढ़ाई में बहुत अच्छी थी
एक्ट्रेस मेधा शंकर ने बताया कि वह बचपन से परफॉर्मिंग आर्ट में ज्यादा एक्टिव थीं। साथ ही पढ़ाई में भी काफी अच्छी थी। जब कॉलेज शुरू हुआ तो कुछ थोड़े बहुत मॉडलिंग के ऑफर्स आने लगे थे, तो लगा कि इतना भी मुश्किल नहीं है। परिवार से पढ़ाई का प्रेशर ज्यादा था तो ग्रेजुएशन पूरी की। मेरे घर में मास्टर्स एक स्टैंडर्ड था। तब पापा से बोला कि अब नहीं हो पाएगा अब जाने दो, तो मैंने 2018 से एजेंसी के जरिए ऑडिशन देने शुरू किए।