मैं आपके धैर्य के आगे नतमस्तक हूं : पीएम मोदी

मैं आपके धैर्य के आगे नतमस्तक हूं : पीएम मोदी

इंदौर। दिसंबर की लड़ाई दिसंबर में ही खत्म होगी ये शायद हुकमचंद मिल मजदूरों ने कभी नहीं सोचा होगा। दरअसल, 12 दिसंबर 1991 को बंद हुई मिल का पैसा मजदूरों को 25 दिसंबर 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथों प्राप्त हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस पर इंदौर में 'मजदूरों के हित मजदूरों को समर्पित' कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने बटन दबाकर मिल मजदूरों की दी जाने वाली राशि की प्रक्रिया का शुभारंभ किया। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधियों और लिक्विडेटर को 217 करोड़ रुपए का चेक सौंपा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम श्रमिक भाई-बहनों की वर्षों की तपस्या तथा सपनों और संकल्पों का परिणाम है। प्रसन्नता है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। मुझे बताया गया है कि जब हुकमचंद मिल के श्रमिकों के लिए पैकेज का ऐलान किया गया था तब इंदौर में उत्सव का माहौल निर्मित हो गया था। इस निर्णय से हमारे श्रमिक भाई-बहनों में त्योहारों का उल्लास और बढ़ा दिया है। मेरे परिवारजनों आज सांकेतिक तौर पर 224 करोड़ का चेक सौंपा गया है। आने वाले दिनों में यह राशि श्रमिक भाई-बहनों तक पहुंचेगी।

इंदौर के विकास में कपड़ा उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छता और स्वाद के लिए मशहूर इंदौर कई क्षेत्रों में अग्रणी रहा है। इंदौर के विकास में यहां के कपड़ा उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यहां के 100 साल पुराने महाराजा तुकोजीराव क्लॉथ मार्केट के इतिहास से सब परिचित हैं। शहर की पहली कॉटन मिल की स्थापना होलकर राजघराने ने की थी। मालवा का कपास ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों में जाता था, और वहां मिलों में कपड़ा बनाया जाता था। एक समय था जब इंदौर के बाजार कपास के दाम निर्धारित करते थे। इंदौर में बने कपड़ों की मांग देश-विदेश में होती थी। यहां कपड़ा मिलें रोजगार का बड़ा केंद्र बन गई थीं। इन मिलों में काम करने वाले कई श्रमिक दूसरों राज्यों से आए और यहां घर बसाया। यह वह दौर था जब इंदौर की तुलना मैनचेस्टर से होती थी। लेकिन समय बदला और पहले की सरकारों की नीतियों का नुकसान इंदौर को भी उठाना पड़ा।

अटलजी को इंदौर छप्पन दुकान की चाट प्रिय थी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर नगर निगम ने स्वच्छता के क्षेत्र में वर्ष-दर- वर्ष उपलब्धियां अर्जित की हैं। जनप्रतिनिधियों, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के निरंतर संघर्ष से ही हुकमचंद मिल मजदूरों की समस्या के समाधान की उपलब्धि अर्जित हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि वाजपेयी अद्भुत व्यक्तित्व के धनी थे। सभी को साथ लेकर चलने का उनका स्नेहमयी स्वभाव सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील में अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। उन्हें इंदौर की छप्पन दुकान की चाट प्रिय थी। वे कहते थे कि मैं मूलत: मालवी व्यक्ति हूं।

प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा कही गई महत्वपूर्ण बातें

  • डबल इंजन सरकार की नई टीम को श्रमिक परिवारों का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा।
  • देश में मेरे लिए मेरा गरीब, मेरा युवा, मेरी माताएं- बहनें और मेरे किसान भाई-बहन सबसे बड़े हैं।
  • भोपाल और इंदौर के बीच इन्वेस्टमेंट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
  • इंदौर-पीथमपुर इकॉनामिक कॉरिडोर एवं मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का विकास हो रहा है। 
  • प्रदेश का बहुत बड़ा क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। 
  • इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा गोवर्धन प्लांट भी संचालित हो रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की महत्वपूर्ण झलकियां

  • नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में गरीब मजदूरों की कठिनाइयां कम हुई हैं। 
  • उज्जैन की विनोद-विमल मिल का मामला भी इसी प्रकार से उलझा था, जिसका निराकरण सरकार का व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए कराया गया। 
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 175 दिव्यांगजनों को रेट्रोफिटेड स्कूटी का वितरण किया। 
  • इसी के साथ ही उन्होंने रेडक्रॉस में डोनेशन हेतु रेडक्रॉस एप का भी शुभारंभ किया। 
  • एशियन मिक्स्ड मार्शल आर्ट में सिल्वर मेडल जीतकर इंदौर शहर का नाम रोशन करने वाली सुरभि सांखला को मंच से सम्मानित किया गया।