होलिका दहन के साथ हुरियारों ने मचाई धूम, 5 दिवसीय रंगोत्सव का आगाज
जबलपुर। शाम को तय मुहूर्त के साथ ही शहर में मंगलवार को होलिका दहन का क्रम शुरू हो गया था। वहीं होलिका प्रतिमा के समक्ष हुरियारों ने खूब धूम मचाई। आकर्षक होली के गीतों के साथ युवाओं में नृत्य करने खासा उत्साह देखा गया। लार्डगंज, बड़ा फुहारा और उपनगरीय क्षेत्रों में रंग-गुलाल और पिचकारियों, मुखौटों की जमकर खरीददारी हुई। दिन भर शहर का अधिकांश इलाका जाम में जूझता नजर आया।
उल्लेखनीय है कि होलिका दहन के साथ ही रंगों के 5 दिवसीय पर्व का आगाज हो गया है। आज बुधवार को धुरैड़ी पर बच्चों की टोली सुबह से पिचकारी में रंग भरकर होली का पर्व उत्साह से मनाएंगे। वहीं बड़े-बुजुर्गों को होली की शुभकामनाएं देकर आशीर्वाद लेंगे। 7 मार्च की रात को अधिकतर स्थानों पर होलिका दहन किया गया। इसके पूर्व होलिका समिति वाले कहीं लकड़ी ले जाते दिखे तो कहीं ढोल-ढमाके के साथ प्रतिमाएं ले जा रहे थे। शहर और उपनगरीय क्षेत्रों में 800 से अधिक छोटी-बड़ी होलिका की प्रतिमाएं रखी गईं। हालांकि कल रात को अंधड़- बारिश के चलते होली के हुरियारों के उत्साह पर पानी फिर गया है लेकिन गीली लकड़ी और उखड़े हुए अंडी के पेड़ तथा प्रतिमा को दोबारा जमा उत्साह मनाया।
कंडों की रही खासी मांग
इस बार होलिका दहन के लिए कंडों की खासी मांग रही। वहीं शक्कर की माला का प्रचलन अभी भी बना हुआ है। शहर में होली पर हुए विविध आयोजनों में इसी माला से स्वागत किया गया। खास बात ये है कि होली के लिए समिति के सदस्यों ने किसी तरह लकड़ी का इंतजाम तो कर लिया था लेकिन लकड़ियां गीली होने के कारण पहले कंडों के ढेर लगाए गए ताकि आग पकड़ने में आग लग सके। भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शरद अग्रवाल ने मंगलवार को जमुना सभागृह सावित्री सदन गोल बाजार में 1100 कंडो की होली जलाकर व्यापारियों के लिए प्रदेश के खुशहाली की कामना की।
हर रंग का अपना महत्व
लाल रंग - लाल रंग को सबसे चमकीला रंग माना जाता है। शरीर में रक्त का रंग लाल है, दक्षिण दिशा का रंग लाल है, मंगल ग्रह का रंग लाल है, उगते सूरज का रंग भी लाल है। मानवीय चेतना में अधिकतम कंपन भी लाल रंग ही पैदा करता है। लाल रंग ऊर्जा, उत्साह, साहस, महत्वाकांक्षा, क्रोध, उत्तेजना और पराक्रम, यानि जीत का प्रतीक है।
गुलाबी रंग- यह रंग सुंदरता का प्रतीक है। जीवित प्राणियों को प्रभावित करने में गुलाबी रंग का बहुत ही महत्व है, खासकर की यह महिलाओं का पसंदीदा माना जाता है। प्रसिद्ध जीव शास्त्री विक्टर इन्यूशियन ने मालक्युलर बायोलाजी के नये प्रयोगों के दौरान यह सिद्ध किया है कि गुलाबी रोशनी के जैविक क्रियाकलाप उसकी आत्मिक प्रकृति के साथ संबंध रखते हैं।
हरा रंग- यह प्रकृति को हर लेने वाला अर्थात सम्मोहित करने वाला रंग है। हरा रंग कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी मददगार है। ऐसे ही एक बार हवाईजहाज बनाने वाले कारखाने में घास के हरे रंग का प्रयोग किया गया और उस पर कृत्रिम तरीके से सूर्य का प्रकाश डाला गया, जिससे मजदूरों की कार्य क्षमता में व्यापक वृद्धि देखने को मिली। यह रंग तनाव दूर करने में, लिवर, आंत व नाड़ी संबंधी रोगों में तथा रक्त शोधन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
नीला- नीला रंग अनंतता का रंग है। इस संसार में जो भी चीज बेहद विशाल और समझ से परे है, उसका रंग आमतौर पर नीला ही है। चाहे फिर वह आकाश हो या गहरा समुद्र। संक्षेप में कहें तो नीला रंग विशालता का प्रतीक है। श्रीकृष्ण के शरीर का रंग भी नीला कहा गया है। धार्मिक और ज्योतिष की दृष्टि से भी इस रंग का काफी महत्व है।
पीला रंग - यह रंग खुशियों का, प्रेम का, ऊर्जा का और शुभ का सूचक है। शादी-ब्याह तथा अन्य शुभ कामों में पीले रंग का उपयोग होता है। यह रंग आरोग्य, शांति, सुकून, योग्यता, ऐश्वर्य तथा यश को दर्शाता है। यह बौद्धिक विकास को दर्शाता है।