रोती बच्ची को गले लगाया, महिला कांस्टेबल ने ड्यूटी के साथ ममता का फर्ज निभाया

रोती बच्ची को गले लगाया, महिला कांस्टेबल ने ड्यूटी के साथ ममता का फर्ज निभाया

ग्वालियर। पुलिस की वर्दी के अंदर फौलाद दिल के साथ-साथ एक मां भी होती है। यह बात सोमवार को उस समय सामने आई जब चार माह की एक बच्ची परीक्षा भवन के बाहर अपनी मां के लिए बिलख-बिलख कर रोने लगी। तभी ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी की ममता उबल पड़ी और उन्होंने चार माह की बच्ची को गले लगाया। कुदरत का करिश्मा देखिए मां समान महिला की गोद में आते ही मासूम ने रोना बंद किया और ढाई घंटे चैन की नींद सोई।

यह वाक्या सोमवार को आयोजित हुई डीएलएड परीक्षा का है। जहां जयेन्द्रगंज के जीवाजीराव सेंटर पर बिहार से एक महिला चार माह की बच्ची को लेकर अपने सपनों को साकार करने की चाह में परीक्षा देने आई थी।

ऐसे में उसकी दुधमुंही बेटी पिता के साथ परीक्षा सेंटर के बाहर रोने लगी। तभी परीक्षा केन्द्र पर ड्यूटी कर रही इंदरगंज थाने की महिला आरक्षक अचला चौधरी ने पहले तो परीक्षार्थी को बुलाकर बेटी को चुप करवाया। लेकिन इसके बाद मां के परीक्षा केन्द्र के भीतर जाते ही बच्ची ने दोबारा रोना शुरू कर दिया, जिसे देखकर महिला कांस्टेबल का दिल पसीजा और वर्दी के भीतर बसी ममता ने चार माह की बेटी को गोद में लेकर चुप कराया। इस नजारे को देखकर हर कोई हैरत में था, जहां बच्ची ऐसे सुकून से सो गई जैसे मानो अपनी मां का आंचल मिल गया हो।

फर्ज और ममता दोनों निभाई

मानवता की इस मिसाल के बाद जब इंदरगंज थाने में पदस्थ महिला आरक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने अपने बच्चे को साथ रखकर ड्यूटी की है। आपको बता दें कि आरक्षक अचला चौधरी भी एक बेटे की मां हैं और इसी कारण एक बेटी को रोता देख उनकी ममता जाग गई।

ढाई घंटे गोदी में रही बच्ची

परीक्षा सुबह आठ बजे शुरू हुई थी जिसके बाद बच्ची करीब सवा आठ बजे से सुबह 11 बजे तक मां समान ममता के आंचल में सुकून से रही।