पुराने मकान से 20% बड़ा मकान, रजिस्ट्री भी होगी नि:शुल्क, पहले चरण में 348 मकान चिह्नित
इंदौर। मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल द्वारा गरीब वर्ग के लिए बसाई गई कॉलोनियां, जिनका निर्माण सालों पहले किया गया था और अब यह जर्जर अवस्था में हैं, उनको पुन: विकसित करने का काम शुरू किया गया है। इंदौर शहर में हाउसिंग बोर्ड की दो बड़ी कॉलोनी जिसमें नेहरू नगर और एलआईजी शामिल हैं, उन्हें री डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। शुरुआत में हाउसिंग बोर्ड द्वारा 348 मकान का री-कंस्ट्रक्शन किया जाएगा। नगर निगम द्वारा दोनों ही कॉलोनी को 2018 में जर्जर और खतरनाक घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद हाउसिंग बोर्ड द्वारा नए घरों के निर्माण का प्रोजेक्ट बनाया गया। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि रहवासियों से कोई भी निर्माण शुल्क नहीं वसूला जाएगा और उन्हें पहले से 20 प्रतिशत बड़े मकान नि:शुल्क बनाकर दिया जाएगा। साथ ही साथ नए मकान की रजिस्ट्री का खर्च भी हाउसिंग बोर्ड ही उठाएगा और निर्माण के दौरान रहवासियों को किराए से रहने का खर्च भी दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट पूरा होने तक कलेक्टर गाइडलाइन से मिलेगा किराया
म प गृह निर्माण मंडल के आयुक्त चंद्रमौली शुक्ला ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा अपनी सभी ऐसी कॉलोनियां जो सालों पहले बनी थीं और उनमें मकान की उम्र पूरी हो चुकी है, वहां पर नए प्रोजेक्ट के तहत मकान का निर्माण किया जा रहा है। इंदौर शहर में दो री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। नेहरू नगर और एलआईजी कॉलोनी में 800 से अधिक मकान हैं। पहले चरण में एलआईजी के 348 मकान जो कि नगर निगम द्वारा जर्जर एवं खतरनाक घोषित कर दिए गए हैं, उन्हें हटाकर नए मकान बनाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट आम नागरिकों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इस प्रोजेक्ट के लिए रह वासियों को किसी भी प्रकार का खर्च नहीं करना है। मकान की रजिस्ट्री तक हाउसिंग बोर्ड नि: शुल्क करेगा।
अतिरिक्त एफएआर का फायदा लेगा बोर्ड
आयुक्त शुक्ला ने बताया कि भोपाल में इस तरह का प्रोजेक्ट लागू किया जा चुका है और नए निर्माण हेतु रहवासियों से अनुमति भी ली जा चुकी है। लगभग 100प्रतिशत रहवासियों ने भोपाल में निर्माण की अनुमति दे दी है। इसी तरह इंदौर के रहवासी भी प्रोजेक्ट के लिए तैयार हैं। शुक्ला ने प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि इसमें बोर्ड को कोई नुकसान नहीं होगा। नेहरू नगर और एमआईजी कॉलोनी में जमीन की कीमतें पहले की तुलना में बढ़ चुकी हैं और पूरा मार्केट कमर्शियल हो चुका है, इसलिए हाउसिंग बोर्ड को अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर रेशो एरिया) मिलेगा,जिसमें हाउसिंग बोर्ड कमर्शियल हिस्से का लाभ लेकर, व्यावसायिक उपयोग हेतु दुकान शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण करेगा। इससे मिलने वाले लाभ को रहवासियों की सुविधा के उपयोग किया जाएगा।
500 की जगह 600 स्क्वेयर फीट का मकान
हाउसिंग बोर्ड के इस प्रोजेक्ट से रहवासी खुश हैं और नया प्रोजेक्ट शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। रहवासियों को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के पहले हाउसिंग बोर्ड निर्माण कार्य शुरू कर देगा ताकि कुछ समय बाद उन्हें नए घर की सौगात मिल जाए। रहवासी प्रमिला तिवारी ने बताया कि मकान जर्जर हो चुके हैं और यहां रहना मुश्किल है। नगर निगम ने यह इमारत खतरनाक श्रेणी में शामिल कर रखी है। पुराने मकान का एरिया 500 स्क्वेयर फीट हं,ै नए मकान में 20प्रतिशत यदि बढ़कर मिलता है तो नया मकान 600 स्क्वेयर फीट का मिलेगा। यह सभी रहवासियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। नेहरू नगर और एलआईजी में कई मकान जिनका आवासीय उपयोग किया जाना है वहां रह वासियों ने दुकान बना ली हैं। बड़ी संख्या में दोनों ही कॉलोनी में व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है ऐसे में रहवासी व्यावसायिक उपयोग भी करना चाहते हैं लेकिन लैंड यूज के लिहाज से हाउसिंग बोर्ड द्वारा प्रवासियों को केवल आवासीय उपयोग की अनुमति है, ऐसे में कई रहवासी री- डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के पक्ष में नहीं है।