उदया तिथि में भद्रा रहित होलिका दहन आज
ग्वालियर। इस वर्ष होली का पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। शहर में कई जगह सोमवार रात होलिका दहन किया, जबकि उदया तिथि में भद्रा रहित होलिका का दहन मंगलवार को किया जाएगा। रंगों के पर्व होली के अवसर पर शहर में 500 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन की तैयारी की गई है। सबसे बड़ी होली सर्राफा बाजार में जलाई जाएगी। इसमें 25 हजार से अधिक कंडे लगाए जाएंगे। साथ ही लाल पिटारा गौशाला तथा शहर के आश्रम और मठों में होली का आयोजन होगा। होली को ऑर्गेनिक रूप देने के लिए गोबर का घोल और पलाश के फूलों का उपयोग किया जाएगा।
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 4.17 से 7 मार्च की शाम 6.10 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 7 मार्च को होगा। इसलिए इस दिन उदया तिथि होने से होलिका दहन किया जाएगा और 8 मार्च को रंगों का पर्व मनाया जाएगा। 7 मार्च को सुबह भद्रा समाप्त हो जाएगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6.24 से रात 8.51 बजे तक रहेगा। हालांकि अलग-अलग पंचांगों के अनुसार होली की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी है। ज्योतिष संस्था मार्स के अध्यक्ष डॉ रमेश वायगांवकर का कहना है कि सामान्यत: व्रत-पर्व का निर्धारण पंचांगकर्ता किसी विशिष्ट अक्षांश और रेखांश के अनुसार तय करता है। तिथि समाप्ति सभी स्थानों के लिए एक ही होती है, लेकिन सूर्योदय प्रत्येक स्थान का अलग-अलग होने से तिथि निर्धारण निर्णय बदल जाता है। पंचांगों की गणितीय पद्धति भी भिन्न होती है। इसके अलावा अन्य कारण भी होते हैं। इसलिए दो व्रत-पर्व की स्थिति उत्पन्न होने पर इसका दोष किसी ज्योतिषी या पंचांगकर्ता को नहीं दिया जा सकता। रेवाड़ी के आचार्य अभिराम शास्त्री का कहना है कि 6 मार्च को भद्राकाल शाम 4.18 से 7 मार्च सुबह 5.13 बजे तक रहेगा, इसलिए 7 मार्च को भद्रा रहित प्रदोषकाल में व्याप्त पूर्णिमा प्राप्त है। अत: 7 मार्च को शाम 5.57 से 6.45 बजे तक होलिका दहन शास्त्र सम्मत होगा।
होली खूब उमंग से मनाएं पर आंखों की सुरक्षा का भी रखें ख्याल: डॉ. भसीन
होली खूब उमंग व उल्लास से मनाएं लेकिन अपनी आंखों की सुरक्षा का भी खास ख्याल रखें। कहीं ऐसा न हो कि आप होली खेलते समय जरा सी लापरवाही से अपनी आंखों को ऐसा नुकसान पहुंचा दें कि रंग में भंग पड़ जाए। यह कहना है रतन ज्योति नेत्रालय के डायरेक्टर डॉ. पुरेन्द्र भसीन का। डॉ. भसीन ने कहा कि यदि अपनी व दूसरों की आंखों की हिफाजत का ख्याल रखना है तो गुब्बारे फेंककर होली कदापि न खेलें। कॉन्टेक्ट लेंस लगाकर होली न खेलें। सिंथेटिक रंगों से बचें, ऑर्गेनिक रंगों का उपयोग करें। चेहरे पर नारियल का तेल या वैसलीन लगा लें। यदि आंख में रंग-गुलाल चला जाए तो आंख को रगड़ें नहीं, बल्कि साफ पानी से अच्छे से धोएं। इसके बाद भी आराम न मिले अथवा आंख में कोई भी परेशानी होने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें व उनके परामर्श तथा जांच परीक्षण के अनुसार ही उपचार कराएं।
बिजली की लाइनों के नीचे नहीं करें होलिका दहन : ऊर्जा मंत्री तोमर
हिंदुओं का प्रमुख त्योहार होली की शुरूआत सोमवार से हो गई है, प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने सभी नागरिकों से अपील की है वह बिजली की लाइनों के नीचे होलिका दहन न करें। श्री तोमर का कहना है कि ऐसी लाइनें जिसमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है, उनके नीचे होलिका दहन नहीं करें। ट्रांसफार्मर के समीप भी होलिका दहन न किया जाये। यहां पर होलिका दहन करने पर दुर्घटना की संभावना सदैव बनी रहती है इसलिए होलिका दहन के लिए ऐसा स्थान चुनें जिसके ऊपर से बिजली की लाइन नहीं निकल रही हो।
होली हंगामा हास्य कवि सम्मेलन आज
एसोसिएशन आॅफ ग्वालियर यूथ सोसाइटी एवं संरचना समिति के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को होली हंगामा हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन दीनदयाल सिटी मॉल फूलबाग रोड पर आयोजित किया गया है।