कुलपति की जान बचाने वाले हिमांशु और सुकृत को मानवीय आधार पर मिली जमानत

कुलपति की जान बचाने वाले हिमांशु और सुकृत को मानवीय आधार पर मिली जमानत

ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने निजी विवि के कुलपति की जान बचाने के लिए रेलवे स्टेशन से न्यायाधीश की कार जबरन अस्पताल ले जाने के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता हिमांशु श्रोत्रिय व सुकृत शर्मा को जमानत दे दी है। पुलिस ने दोनों पर डकैती की धाराओं में केस दर्ज किए थे। न्यायालय ने कहा है कि दोनों को जांच में सहयोग करना होगा और भविष्य में इस तरह के अपराध को अंजाम नहीं देंगे। इधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले में सीआईडी जांच के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि वे अंजान व्यक्ति की जान बचाने के लिए न्यायाधीश की कार को ले गए थे।

सीएम ने भी लिया था संज्ञान

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों को माफ करने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को पत्र लिखा था। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए थे कि युवकों पर डकैती की धारा लगाना न्यायोचित नहीं लगता, क्योंकि युवक आपराधिक पृष्ठभूमि के नहीं हैं। यह मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा मामला है। बता दें कि 11 दिसंबर को निजी विवि के कुलपति प्रो. रंजीत सिंह को ट्रेन में हार्ट अटैक आया था। हिमांशु और सुकृत ने उन्हें जज की गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया था।