दो बालिकाओं के साथ जघन्य वारदात, कोर्ट ने सुनाई कठोर सजा

दो बालिकाओं के साथ जघन्य वारदात, कोर्ट ने सुनाई कठोर सजा

इंदौर। इंदौर में महिला अपराध के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इंदौर की एक अदालत ने ऐसे ही दो मामलों में आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर सजा सुनाई है। एक मामले में अपनी फूल जैसी नवजात बच्ची की हत्या के जुर्म में माता-पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है तो एक अन्य मामले में एक मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में दस वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। साथ ही इंदौर के विभिन्न थानों में महिला हिंसा के एक दिन में 9 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें दहेज़ प्रताड़ना, मारपीट, जान से मारने की धमकी देना और अपहरण शामिल हैं।

नवजात की हत्या : दोषी माता-पिता को उम्रकैद

जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश ने वर्ष 2016 से विचारधीन इस मामले में सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि पप्पू रावल और उनकी पत्नी संगीता रावल को उम्र कैद की सजा से दंडित किया है। धारा 302 भा.दं.वि. में दोनों को आजीवन कारावास एवं धारा 201 भा.दं.वि. में दोनों को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 1500-1500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया ।

एक कान नहीं होने से की हत्या

गिरफ्त में आए दंपति ने पूछताछ में अपना गुनाह स्वीकार किया और बताया मृतका उनकी पुत्री थी। उसका जन्म से एक कान नहीं था, लिहाजा उन्होंने ही लोहे की संडासी से उसके सिर पर वार कर उसकी हत्या की है। पुलिस ने डीएनए और ब्लड सैम्पल के आधार पर मृतका और माता- पिता के बीच रिश्ते सिद्ध किए, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और आरोपियों के कब्जे से बरामद हुई संडासी से हत्या का जुर्म सिद्ध हुआ।

गवाह पलटे, वैज्ञानिक साक्ष्य ने की तस्दीक

दरअसल, 16 मार्च 2016 को खजराना थाना क्षेत्र के एक स्कूल के नजदीक कचरे के ढेर से नवजात शिशु की लाश मिली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और पाया कि लड़की का जन्म छुपाने की गरज से उसकी हत्या कर शव फेंका गया है। पोस्टमार्टम में बच्ची के सिर पर गंभीर चोट पाई गई। मामले में बनाए गए एक दर्जन से ज्यादा गवाह कोर्ट में पलट गए। कड़ी दर कड़ी जोड़कर पुलिस ने रावल दंपति को गिरफ्तार किया।

नाबालिग से दुष्कृत्य: 10 वर्ष का सश्रम कारावास

तो इधर इंदौर की एक अदालत ने अवयस्क बालिका को बहला फुसलाकर ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को दोष सिद्धि देते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) रेखा मिश्रा ने 2018 के विशेष मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी श्रीकृष्ण उर्फ राहुल, उम्र 34 वर्ष, निवासी मानवता नगर को धारा 376 (1) में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 366 भा.दं.वि. में 7 वर्ष का सश्रम कारावास तथा कुल 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

ये है दूसरा मामला

25 मई 2018 को लसूड़िया थाने में एक सुरक्षाकर्मी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी नाबालिग लड़की को कोई अज्ञात बदमाश फुसलाकर ले गया है। पुलिस ने बालिका को दस्तयाब कर कथन लेखबद्ध करवाए, जिसके आधार पर पोक्सो एक्ट में केस दर्ज आरोपी को गिरफ्तार किया। अदालत ने सुनवाई करते हुए 34 वर्षीय युवक को 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है।