महिलाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं हृदय रोग
नई दिल्ली। भारत सहित 50 देशों के पंद्रह अध्ययनों के विश्लेषण के अनुसार, हृदय रोग के परिणाम पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। रिसर्चर्स ने अपने विश्लेषण में पाया कि विसंगति महिलाओं में सीने में गैर- पारंपरिक दर्द के अलावा उल्टी, जबड़े में दर्द और पेट दर्द सहित अन्य लक्षणों की तरह दिखती है। इन लक्षणों की अनदेखी किए जाने से बीमारी की पहचान और इसके उपचार में देरी हो जाती है।
महिलाएं देर से अस्पताल आती हैं :
अमेरिका के मैसाचुसेट्स लोवेल विवि में एसोसिएट प्रोफेसर महदी ओ. गैरेलनबी ने कहा, हमने हृदय रोग की पहचान, उपचार और लक्षणों में पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर पाया। महिलाएं लक्षणों के दिखने के बावजूद पुरुषों के मुकाबले देरी से अस्पताल जाती हैं और डॉक्टर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करने से हिचकिचाते हैं। विश्लेषण पत्रिका आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
युवा महिलाओं में बढ़ा हार्ट अटैक :
युवा महिलाओं में हृदयाघात की दर तेजी से बढ़ रही है। 1995 से 2014 के बीच 35 से 54 साल आयु की महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की दर 21 से 31 प्रतिशत हो गई।
महिलाओं में हार्ट की बीमारी के लक्षण अलग होते हैं। उन्हें जलन, उलटी का सेंसेशन, सर्वाइकल पेन आदि होता है। यदि किसी महिला को ऐसे लक्षण हों तो जोर-जोर से खांसें। इससे हार्ट और रेस्पिरेटरी सिस्टम नॉर्मल हो जाते हैं। इस बीच मरीज को अस्पताल ले जाया जा सकता है। - डॉ. एन गणेश