साइबर फ्रॉड मामले में जमानत याचिका पर हुई सुनवाई

साइबर फ्रॉड मामले में जमानत याचिका पर हुई सुनवाई

ग्वालियर। हाईकोर्ट ने साइबर फ्रॉड करने वाले मनोहर राय के जमानत पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि वह कोलकाता में कियोस्क सेंटर चलाते हैं। उनके खाते में ठगी के रुपए नहीं आए। आरोपियों ने उनके सेंटर से रुपए निकाले थे। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर रही है, जिनका ठगी में कोई हाथ नहीं है। मूल आरोपियों की पुलिस तलाश ही नहीं कर रही है और न उनके बारे में पता किया जा रहा है। जांच अधिकारी अमर सिंह सिकरवार न्यायालय में पेश हुए और बताया कि साइबर ठगी करने वाले लोग फर्जी दस्तावेज पर सिम हासिल करते हैं। बैंक में भी फर्जी दस्तावेज लगाकर खाता खुलवाते हैं। इस केस में अभी आरोपी फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए दल पश्चिम बंगाल जाएगा। पलक माथुर का एक्सिस बैंक में खाता है।

अगस्त 2022 में उनको एक मैसेज प्राप्त हुआ। इस मैसेज में ओटीपी आई थी। उसके बाद एक कॉल आता है कि क्रेडिट कार्ड को सुरक्षित करने की रिक्वेस्ट डाली गई है, पलक ने मना कर दिया। उस रिक्वेस्ट को निरस्त कराने के लिए ठगों ने लिंक भेजी। लिंक पर क्लिक करते क्रेडिट कार्ड से रुपए निकल गए। उनके खाते से चार बार में दो-दो लाख करके आठ लाख रुपए निकल गए, यह रुपए अलग-अलग खातों में गए। इन रुपयों को पश्चिम बंगाल में निकालना सामने आया। पलक माथुर ने क्राइम ब्रांच ग्वालियर में केस दर्ज कराया। पुलिस ने कोलकाता से मनोहर राय व संदीप केसरी को गिरफ्तार किया। ये दस महीने से जेल में हैं।

करैरा विधायक के मामले में याचिकाकर्ता से मांगे दस्तावेज

हाईकोर्ट में शिवपुरी जिले के करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव के हलफनामे को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए हैं। नवीन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एसके शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 में प्रागीलाल जाटव ने कांग्रेस के टिकट से उपचुनाव लड़ा था। नामांकन भरते वक्त जो जानकारी देनी होती है, उसको निरंक छोड़ दिया। जबकि खानों को खाली नहीं छोड़ा जाता है। खाने खाली छोड़े जाते हैं तो नामांकन निरस्त हो जाता है। प्रागीलाल जाटव ने दो विवाह किए हैं, इस जानकारी को हलफनामे में छिपा लिया। इस कारण इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, कोर्ट ने याचिकाकर्ता से दस्तावेज मांगे हैं।