रविवार को भी घर-घर दस्तक देने पहुंचे हेल्थ वर्कर

रविवार को भी घर-घर दस्तक देने पहुंचे हेल्थ वर्कर

जबलपुर। जबलपुर सहित पूरे प्रदेशभर में 18 जुलाई से 31 अगस्त तक चलने वाले दस्तक अभियान को 6 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। लक्ष्य को पूरा करने रविवार को भी अभियान के तहत हेल्थ वर्कर घर-घर दस्तक देने पहुंचे। गौरतलब है कि दस्तक अभियान के बीच मिशन इंद्रधनुष 5.0 6 दिन तक चला था, जिसके चलते दस्तक अभियान को 6 दिन और बढ़ा दिया गया।

जिले में 2 लाख 78 हजार बच्चों का लक्ष्य

जिले में शहरी टीकाकरण अधिकारी डॉ. एसएस दाहिया ने बताया कि जिले में दस्तक अभियान के तहत 0-5 वर्ष की उम्र के 2 लाख 78 हजार बच्चों को कवर करने लक्ष्य दिया गया था। इसमें शहरी क्षेत्र में 1 लाख 60 हजार बच्चों को कवर किया जाना था। लक्ष्य लगभग 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। अभी राज्यस्तरीय रैंकिंग में जबलपुर का अर्बन 14 वें नंबर पर है।

0-5 वर्ष उम्र के बच्चों को करना है कवर

बताया जाता है कि दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 0-5 साल तक के बच्चों को 10 प्रकार की एक्टविटी को बताना है। साथ ही निमोनिया, दस्त और एनीमिया के लक्षण वाले बच्चों को चिहिन्त करना व कुपोषित बच्चों की जानकारी देने के साथ अति कुपोषित बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराना है।

डीपीएम ने की कार्यक्रम की समीक्षा

रैंकिंग में सुधार लाने के लिए रविवार को एनएचएम के डीपीएम अधिकारी विजय पांडे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। समीक्षा में डीपीएम ने फील्ड में काम रहे स्टाफ को कहा कि वे समय पर एंट्री करें ताकि रैंकिंग में सुधार हो सके। साथ ही रविवार को अधिक से अधिक घरों में दस्तक देकर बच्चों को कवर किया जाए।

एंट्री नहीं हो पाने के चलते रैंकिंग में पीछे

6 सितम्बर को जारी होने वाली राज्यस्तरीय रैंकिंग में जबलपुर जिला अभी टॉप-10 की लिस्ट में नहीं है। ऐसे में बताया जा रहा है कि हेल्थ वर्कर घरों में दस्तक तो दे चुके हैं लेकिन वे पोर्टल पर एंट्री नहीं कर रहे है जिसके चलते रैंकिंग में जिला बहुत पीछे चल रहा है। अधिकारी अब एंट्री कराने को लेकर खुद कवायद करते हुए दिखाई दे रहे हैं।