समभाव को समव्यवहार में परिणित करना ही समरसता

समभाव को समव्यवहार में परिणित करना ही समरसता

जबलपुर। भगवान विश्वकर्मा की जयंती के अवसर पर समरसता सेवा संगठन द्वारा विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन मुख्य अतिथि पूर्व न्यायमूर्ति एचपी सिंह, मुख्य वक्ता प्रो आशीष मिश्रा,विशिष्ट अतिथि नामदेव समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक नामदेव, विश्वकर्मा समाज के वरिष्ठ इंजीनियर एन विश्वकर्मा एवं समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन के साथ समाज के गणमान्य जनों की उपस्थिति में प्रज्ञा मंडमप यादव कॉलोनी में किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व न्यायमूर्ति एचपी सिंह ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा हमारी संस्कृति समरसता पर आधरित है और समरसता के भाव को जन जन में जाग्रत करने के लिए संस्कृति से जुड़ना होगा।

हमारी सनातन परंपरा हमारी संस्कृति को मिटाने का कार्य करने कई विध्वंसकारी ताकतों ने किया पर सफल कोई नही हो सका उसकी वजह हमारी एकता रही है किंतु यदि हम एक नही रहे तो सनातन संस्कृति को मिटाने फिर कोई खड़ा होगा और इनसे लड़ने से अच्छा है हम अपनी संस्कृति और परंपरा से आने वाली पीढ़ी को जोड़े जिसके लिए समरस समाज का निर्माण होना आवश्यक है। मुख्य वक्ता प्रो. आशीष मिश्रा ने कहा आप और हम वही कार्य कर रहे है जो भगवान विश्वकर्मा ने प्रारंभ किया था और सिर्फ विश्वकर्मा समाज के लोग ही बल्कि सृजन का कार्य करने वाला हर व्यक्ति विश्वकर्मा है।

इनका हुआ सम्मान

इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में विश्वकर्मा समाज के समाजसेवी रामबाबु विश्वकर्मा, इंजीनियर बाला प्रसाद विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, रामप्रसाद विश्वकर्मा, संतोष विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा पिन्टू, चेतराम विश्वकर्मा आदि को सम्मानित किया गया।