जेवर बेच और मजदूरी कर खरीदी थी जमीन, रेलवे को तो नहीं दूंगी: गीता बाई
इंदौर। इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन व प्रस्तावित ग्रेटर रिंग रोड के लिए किए जाने वाले जमीन अधिग्रहण का विरोध हो रहा है। किसानों का कहना है कि उन्हें ढाई से तीन करोड़ रु. बीघा मुआवजा मिलना चाहिए लेकिन केवल 20 से 25 लाख रुपए दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट से प्रभावित ग्राम मिर्जापुर (देवास) की 105 वर्षीय गीता बाई भी अपनी जमीन बचाने के लिए मैदान में उतरी हैं। गीता बाई ने कहा कि उनकी साढे सात बीघा जमीन है जिसकी कीमत साढ़े सात करोड़ है। रेलवे 9 लाख रुपए बीघा ही दे रहा है। उन्होंने कहा- जेवर बेच, मजदूरी करके जमीन खरीदी है अब बच्चों को मजदूरी करते नहीं देख सकती। जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल करेंगी।
सरकार कौड़ियों के दाम पर ले रही : जनपद अध्यक्ष
पूर्व जनपद अध्यक्ष हंसराज मंडलोई ने बताया कि इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन में आने वाली जमीन किसान नहीं देना चाहते हैं। क्योंकि सरकार कौड़ी के दाम पर जमीन ले रही है। हमारे गांव में एक बीगा के ढाई से तीन करोड़ तक दाम हैं और मुआवजा मिल रहा है केवल 9 लाख से 24 लाख रुपए प्रति बीघा तक। गौरतलब है कि इंदौर बुधनी रेलवे लाइन में करीब 100 गांव की जमीनें आ रही हैं यह 205 किलोमीटर की लाइन परियोजना है।