ग्वारीघाट का नाम अब होगा गौरीघाट, गांधी स्मारक पर लहराएगा प्रदेश सबसे ऊंचा तिरंगा

ग्वारीघाट का नाम अब होगा गौरीघाट, गांधी स्मारक पर लहराएगा प्रदेश सबसे ऊंचा तिरंगा

जबलपुर। सदन में शुक्रवार को ऐतिहासिक प्रस्तावों पर सत्ता और विपक्ष ने मिलकर मोहर लगाई। लंबे समय से ग्वारीघाट का नाम बदलने की मांग उठ रही थी जिसे सभी ने स्वीकर करते हुए अब ग्वारीघाट को गौरीघाट के नाम से पहचान देने की बात पर सहमति दी। इसी के साथ प्रदेश में सबसे उंचे 75 फीट के राष्ट्रीय ध्वज को फहाराने का भी समर्थन सभी के द्वारा दिया गया। जिसे गांधी स्मारक पर फहराया जाएगा। सदन में 5 प्रस्तावों पर सहमति बनी। अध्यक्ष रिंकू विज ने शाम साढ़े 7 बजे बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया इसका कारण अभी प्रस्ताव क्रमांक 2 जिसमें डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली एस्सेल कंपनी से समस्त नगर निगम के संसाधन वापस लेने का प्रस्ताव है पर चर्चा होना है बाकी रहना है। साथ ही निगमायुक्त को निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 दिन में यूनी पोल की भी समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करें जो कि अगली बैठक में रखी जाए।

कचरे ठेके पर ये क्या हुआ

जिस डोर टू डोर कचरा संग्रहण ठेके को निरस्त करने 22 भाजपा पार्षदों ने सदन में आवाज उठाई और प्रक्रिया मिनिट्स में दर्ज की उस पर जब महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू प्रस्ताव लाए तो एकाएक भाजपा ने सदन में पलटी मार दी। ठेका निरस्त करने का कारण बताया गया कि नगर निगम पहले अपनी तैयारी कर ले फिर ये प्रस्ताव लाए। महापौर श्री अन्नू व स्वास्थ्य प्रभारी अमरीश मिश्रा ने इस प्रस्ताव पर विपक्ष को तैयार करने भरसक प्रयास किए। दर्जनों तर्क दिए मगर भाजपा ने जमकर एस्सेल कंपनी की वकालत करते हुए इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया। सबसे ज्यादा इस बारे में पार्षद लवलीन आनंद बोलीं जिन्होंने कंपनी की वकालत जमकर की। नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल,महेश राजपूत ने भी प्रस्ताव पर असहमति जताई।

महापौर ने दिए ये तर्क

महापौर ने बताया कि नगर निगम के पास 200 अपने टिपर हैं जो वह कंपनी को किराए से दिए है। इसके अलावा 300 टिपर के लिए निविदा जारी की गई है। 500 ठेला गाड़ी के टेंडर हुए हैं जो जल्द आ जाएंगी। डोर टू डोर के काम में लगे सभी 650 कर्मचारियों को काम पररखा जाएगा। महापौर ने कंपनी को टर्मिनेट करने की वजह बताई कि कंपनी ने शुरूआत से ही एक भी शर्तों का पालन नहीं किया। पचासों नोटिस दिए गए व काम सुधारने के लिए कई मौके दिए गए मगर नगर निगम की कोई हिदायत कंपनी ने नहीं मानी। आज भी कंपनी के सभी टिपर पेट्रोल- डीजल भरवाने सुबह से पंपों पर खड़े हो जाते हैं जिसमें नगर निगम 1400 लीटर डीजल खुद डलवाता है हालाकि इसका पैसा देयक से काट लिया जाता है। कं पनी के प्रमुख ने जबलपुर कार्यालय से रवानगी लेकर दिल्ली में ठिकाना बना लिया है।

एचओ व जल यंत्री रहे टारगेट

सुबह 11 बजे से शाम साढ़े 7 बजे तक पूरे दिन चली सदन की बैठक में पार्षदों के टारगेट स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह व जल विभाग के कार्य पालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव रहे। इन पर भ्रष्टाचार के दर्जनों आरोप तो लगाए ही गए साथ ही एक स्वर में पार्षदों ने फोन न उठाने की बात भी कही। नगर निगम सदन की बैठक के बाद उस वक्त हंगामा मच गया जब खाने में परोसे गए रसगुल्लों में इल्ली निकल आई। इसको लेकर सदन के बाहर और अंदर यही चर्चा थी कि कई पार्षद इल्ली वाले रसगुल्ला खाकर चले गए। गुणवत्ताहीन खाने को लेकर पार्षदा और नगर निगम कर्मचारियों ने खाना बनाने वाले दोषी माना। जब पार्षद संतोषी खाना खाकर रस गुल्ला खा रही थी उसी वक्त उनकी प्लेट में इल्ली दिखी। अध्यक्ष के समक्ष विरोध जताया गया। पार्षदों का कहना था कि कैटरिंग वाले की गलती से पार्षदों की सेहत बिगड़ सकती है। निगम के कैटरिंग ठेके पर सवाल उठे।

कुत्तों की नसबंदी के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार

नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने सदन में मामला रखते हुए बताया कि नगर निगम के स्वास्थ्य अमले द्वारा दावा किया गया जो कि सूचना के अधिकार के तहत निकाला गया है कि एक दिन में 40 से 60 और एक दिन तो 86 कुत्तों की नसबंदी की गई है,जो कि संभव नहीं है। एक दिन में 10 से 12 कुत्तों की ही नसबंदी संभव है जो कि पशु महाविद्यालय कहता है। इसके भुगतान भी निकाल कर संस्था को उपकृत किया गया है इसमें स्वास्थ्य अधिकारी व संस्था सीधे तौर पर दोषी है यह नगर निगम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है इस पर जांच होनी चाहिए। अध्यक्ष ने जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने कहा है।

क्या बोले पार्षद

संतोष दुबे पंडा: स्मार्ट सिटी ने रानीताल में गुणवत्ता हीन काम किए हैं। इनकी जांच की जानी चाहिए। मेरा दावा है कि बरसात के पहले ही ब नाई गई बाउंड्रीवॉल गिर जाएगी। सांपसीढ़ी की तरह सड़क बना दी गई है।

प्रिया संजय तिवारी: बर्फानी कंपनी ने अपने सफाई कर्मियों का पीएफ जमा नहीं किया है,30 कर्मचारी हैं जिनमें से केवल 3 का पीएफ जमा होता है। ये घोटाला स्वास्थ्य अधिकारी व ठेकेदार के बीच किया जा रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।

मुकीमा याकूब अंसारी: डॉ जाकिर हुसैन वार्ड: शहर में सबसे बड़ा तिरंगा लगाया जा रहा है इसका मैं स्वागत करती हूं। गाजी नगर ग्राउंड में 25 मीटर का तिरंगा लगाया जाए। जहां तहां मटन की दुकानें खुल रही हैं इनके लिए शहर के चारों हिस्सों में मटन के हॉकर जोन बनाए जाएं जहां इन्हें शिफ्ट किया जाए।

शफीक हीरा: जेएनएनयूआरएम के तहत बनाए गए नाला निर्माण कार्य अधूरे हैं कई मौते हो गई हैं,इसकी जिम्मेदारी तय की जाए। जो भ्रष्टाचार हुआ है उस पर दोषियों को दंडित किया जाए।

ये प्रस्ताव हुए सर्वसम्मति से पास

  • प्रस्ताव क्र.7 गांधी स्मारक में लगेगा 75 मीटर का तिरंगा 
  • प्रस्ताव क्र.6 ग्वारीघाट का नाम होगा गौरीघाट 
  • प्रस्ताव क्र.19 नया बाजार की दुकान क्र.34 का होगा नियमितीकरण 
  • प्रस्ताव क्र.4 4जी टॉवर से भू-भाटक शुल्क अधिरोपित करना 
  • प्रस्ताव क्र.5 उखरी रोड में भू अधिग्रहण के बदले मुआवजा दिया जाएगा