नर्मदा किनारे रहकर प्यासे ग्वारीघाट वार्ड वासी,गुप्तेश्वर में सड़कें खराब
जबलपुर। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आने वाला ग्वारीघाट वार्ड नर्मदा के किनारे बसा है,हैरत की बात है कि यहां की एक बड़ी आबादी को नर्मदा जल आज तक नहीं मिल पाया है,ये आबादी बोर के सहारे अपनी प्यास बुझाती है। एक तरफ पूरे शहर को नर्मदा जल देने के दावे किए जा रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ नर्मदा किनारे की बस्तियों को ही नर्मदा जल उपलब्ध न करवा पाना इन दावों की असलियत दर्शाता है। हर बार वार्ड पार्षद अपने घोषणापत्र में नर्मदा जल उपलब्ध करवाने का वादा तो करते हैं मगर जब वे चुनकर आते हैं तो चाहे वे सत्तापक्ष में हों या विपक्ष में अपने नेताओं के रवैये के चलते मजबूर बनकर रह जाते हैं।
विकास की दो तस्वीरें
कुछ हिस्सों में तो विकास होता नजर आता है जिसमें फ्लाई ओवर, विधानसभा क्षेत्र की मुख्य सड़कें हैं जो चमचमाती दिखती हैं तो वहीं अंदरूनी बस्तियों की ओर जाएं तो यहां पर जर्जर सड़कें,बिजली के खंबों पर खराब लाइट के चलते अंधेरा,जगह-जगह पानी की किल्लत नजर आती है।
कब्जे और दुर्दशा की ओर जाते तालाब
पश्चिम क्षेत्र जलसंपदा की दृष्टि से बेहद संपन्न इलाका है। यहां पर कई तालाब हैं जो या तो कब्जों में धीरे-धीरे जा रहे हैं या दुर्दशा को प्राप्त हैं,इनका संरक्षण सरकारी दावों के बावजूद उस प्रकार से नहीं हो रहा है जिसके ये हकदार हैं। महानद्दा तालाब को देखें जो आपको हर साल सिकुड़ता नजर आएगा। देखते देखते ये तालाब आधे से ज्यादा अतिक्रमणकारी लील चुके हैं,बचे-खुचे तालाब को केवल 15 अगस्त के समय जलकुंभी साफ कर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है बाकी समय यहां नालियों की गंदगी समाती है। इसके अलावा सूपाताल को दो दशक पूर्व संवारा गया था अब यह भी दुर्दशा का शिकार है। इमरती तालाब,बघाताल भी बुरे हाल में हैं। डायवर्सन की वजह से बढ़ा सकरी सड़कों पर ट्रैफिक फ्लाई ओवर निर्माण कार्य के चलते जो बसें छोटी लाइन से मदनमहल चौक होते हुए एलआईसी की ओर जाती थीं वे अब गोरखपुर से होते हुए गुप्तेश्वर होते हुए जाती हैं जिससे यहां की रोड तो खराब हुई ही हैं साथ ही संकरी सड़कों पर ट्रैफिक प्रभावित होता है।
10 साल से ज्यादा हो गए आश्वासन सुनते हुए न तो नर्मदा जल मिलता है न ही ललपुर और भटौली की सड़कें ही बनाई गई हैं। चुनाव में केवल आश्वासन दिए जाते हैं। राजकुमार बर्मन,रहवासी।
पानी की दिक्कत होती है,नर्मदा जल नहीं मिलता। खंबों की लाइट भी नहीं सुधरवाई जातीं और सड़कों की हालत भी खराब है,वादे तो बहुत किए जाते हैं पर उन्हे पूरा नहीं करते। फूला बाई,रहवासी।