गुरु की पहचान उसके छात्र से होती है: आचार्य ओमा
ग्वालियर। गुरु की पहचान उसके चेले (छात्र) से होती है और छात्र ही संस्थान का स्तर बताते हैं। उन्होंने कहा आप जो भी करें अपने आप से जरूर पूछें कि क्या आप सही कर रहे हैं। आपकी बातों में संवेदना कितनी है। क्योंकि जहां संवेदना होगी, जिंदगी वहीं से शुरू होगी। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि मैं नहीं चाहता कि आप अर्थ (रूपयों) के चक्कर में अनर्थ कर बैठें। इसलिए संवेदना के साथ शिक्षा प्राप्त करें और जीवन पथ पर आगे बढ़ें। यह विचार विशिष्ट अतिथि और मुख्य वक्ता आध्यत्मिक गुरु आचार्य ओमा द अक्क ने व्यक्त किए। मौका था नाद एम्फीथियेटर में आयोजित आईटीएम यूनिवर्सिटी का 8वां दीक्षांत समारोह (कन्वोकेशन - 8) का।
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद् आईआईएम के पूर्व निदेशक एन रविचन्द्रन शामिल हुए। इस अवसर पर आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के फाउंडर चांसलर रमाशंकर सिंह, चांसलर रुचि सिंह चौहान, प्रो - चांसलर डॉ. दौलत सिंह चौहान, वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश उपाध्याय, रजिस्ट्रार डॉ. ओमवीर सिंह सहित देशभर से आईं हस्तियां और देश-विदेश के अध्ययनरत छात्र-छात्राएं विशेष रूप से मौजूद रहे।
इनको किया मानद उपाधियां से अलंकृत
दीक्षांत समारोह में देश की ऐसी चुंनंदा हस्तियों को मानद उपाधियां (ऑनरिस कोजा) प्रदान किया गया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में नए व विशिष्ट कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इन हस्तियों में प्रख्यात मूर्तिकार प्रोफेसर लतिका कट्ट, अभिनेता पद्मश्री मनोज वाजपेयी, प्रसिद्ध जर्नलिस्ट, राजनीतिक टिप्पणीकार, एडिटर और एंकर नीरजा चौधरी, दुनिया के अग्रणी लेप्रोस्कोपिक सर्जन पद्मश्री डॉ. प्रदीप चौबे, प्रसिद्ध फोटोग्राफर एंड फोटो जर्नलिस्ट पद्मश्री रघु राय और इंजीनियर, इनोवेटर और शिक्षा सोनम वांगचुक हैं।