मप्र में लागू होगा गुजरात फॉर्मूला, नए लोगों को भी मिलेंगे टिकट

मप्र में लागू होगा गुजरात फॉर्मूला, नए लोगों को भी मिलेंगे टिकट

भोपाल। मध्यप्रदेश में मिशन 2023 फतह और पांचवीं बार सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का दावा है कि 2018 के चुनाव में जो कमियां रह गर्इं थीं उन्हें दूर कर लिया है। मप्र में पार्टी की सदस्य संख्या 41 लाख तक पहुंच गई है। प्रबंधन और रणनीति में गुजरात फॉमूर्ला भी लागू होगा। चुनाव में नए प्रत्याशी भी दिखेंगे। जीत सुनिश्चित करने कुछ सांसदों पर भी दांव लगाएंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा ज्वाइन करने वाले कतिपय नेताओं के मोहभंग और भाजपाइयों के पार्टी छोड़ने पर शर्मा का कहना है कि इससे खास फर्क नहीं पड़ेगा। चुनाव के दौरान ऐसा होना सामान्य बात है। ‘पीपुल्स समाचार’ से विशेष चर्चा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने अनेक सवालों पर बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने कहा कि अभी तो यह शुरूआत है, चुनावी माहौल भाजपा के पक्ष में तेजी पकड़ रहा है। जन आशीर्वाद यात्रा और कार्यकर्ता महाकुंभ इसमें कैटालिस्ट की भूमिका निभाएगा। प्रत्याशियों की पहली सूची पर उपजे असंतोष पर भी उन्होंने अपने तर्क रखे। प्रस्तुत है चर्चा के प्रमुख अंश

असंतोष नहीं, चुनाव में नेताओं का आना-जाना सामान्य बात

  •  प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद असंतोष और कुछ नेताओं के पार्टी छोड़ने पर क्या कहेंगे?

            - असंतोष जैसा कुछ नहीं है,सभी से चर्चा हो गई है। चुनाव के दौरान नेताओं का आना-जाना अमूमन होता ही है। 

  • 2018 में आपको बहुमत नहीं मिल पाया था, अब चुनौती को किस रूप में लेते हैं?

                     - चुनौती से निपटना हमें आता है। हमारी जमीनी स्तर पर व्यापक तैयारियां हैं। 

  • गुजरात फॉर्मूला की बहुत चर्चा है, क्या मप्र में नजर आएगा?

                 - हां, बिल्कुल..नवाचार, प्रबंधन और रणनीति के स्तर पर काम चल रहा है। हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुछ लोगों के टिकट                          भी बदलेंगे। 

  • प्रदेश के 6-7 सांसदों को विधानसभा लड़ाने की चर्चा कितनी सही है?

                 - जीत की संभावना और क्षेत्र के हिसाब प्रत्याशी तय होंगे, इनमें सांसद भी रहेंगे। 

  • क्या पार्टी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी चुनाव मैदान में उतारेगी? 

                  - अभी ऐसी संभावना नजर नहीं आ रही। 

  • पिछले विधानसभा चुनाव की कमियां कितनी दुरूस्त हो पाईं?

                 - संगठन सशक्त हो चुका है। हमारे 41 लाख सदस्य हैं। 95 फीसदी बूथ डिजिटल हो चुके। राष्ट्रीय नेतृत्व लगातार मॉनिटर कर                     रहा है। रैंडमली चार बूथ अध्यक्षों से मैं रोज बात करता हूं।