गावों में भू जलस्तर बढ़ेगा भीषण गर्मी में मिलेगी राहत
ग्वालियर। ग्वालियर जिले के पहाड़ी क्षेत्र की गर्मी काफी कष्टदायक रहती है, ऐसे में अगर भू जलस्तर नीचे चला जाए तो आदमी दो बूंद पानी के लिए तरस जाता है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 में अमृत सरोवर बनाने की घोषणा की थी, 2023 में ग्वालियर जिले को 104 सरोवर बनाने का टारगेट दिया गया था, अब तक 100 सरोवर बनकर तैयार हो चुके हैं। प्रत्येक सरोवर के निर्माण पर करीब 30 से 35 लाख रुपए राशि खर्च की जाना प्रस्तावित थी। इस हिसाब से जिले में 35 करोड़ की लागत से 104 सरोवर तैयार किए जाने थे। जिला पंचायत को इसकी नोडल एजेंसी बनाया गया था। नोडल एजेंसियों का दावा है कि भितरवार, डबरा, घाटीगांव, मोहना, आंतरी, पिछोर सहित अन्य गांवों में 104 सरोवर के निर्माण के लिए रेखांकन किया गया और अब तक 100 सरोवर बनकर तैयार भी हो गए।
40-50 फीट नीचे उतर जाता है पानी
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के यंत्री अनमोल कोचर कहते हैं कि भीषण गर्मी के दिनों में यह पानी विशेषकर घाटीगांव, डबरा क्षेत्र में 40-50 फीट नीचे चला जाता है। अब यह सरोवर भू जलस्तर को कितना रीचार्ज कर पाएंगे यह देखने वाली बात है। हालांकि हमारे लिए यह अच्छी बात है कि सरोवर अभी लबालब है।
मेहगांव, दौरार और कैमरी में पानी से भरे हैं सरोवर
डबरा जनपद के मेहगांव, घाटीगांव जनपद के दौरार और कैमरी में 80 मीटर लंबे और 40 मीटर चौड़े सरोवर तैयार किए गए हैं। इनके चारों ओर पत्थर की पिंिचंग तैयार की है, ताकि बारिश के दिनों में पार क्षतिग्रस्त न हो जाए। यह सारे सरोवर पहली बारिश झेल चुके हैं और पानी से लबालब हैं। दौरार के कृषक अमरेन्द्र ंिसंह कहते हैं कि अभी पानी भरा हुआ है देखने में अच्छे लग रहे हैं लेकिन भीषण गर्मी यानि ज्येष्ठ मास में जब जल स्तर तेजी से नीचे जाता है तब अगर हैंडपंपों से प्यास बुझाने के लिए पानी झर-झर करके आता है या बूंद-बूंद भी नहीं टपकती। ग्रामीणों का कहना है कि अभी सरोवर के आसपास रमणीय क्षेत्र हो गया है। पंचायत विभाग द्वारा सरोवर के समीप ऐसी जगह तलाशी जा रही है, जहां अमृत उद्यान विकसित किया जा सके।