टीबी मरीजों को खोजने में निजी अस्पतालों से आगे निकली सरकारी संस्थाएं

टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य का 50 फीसदी तक पूरा

टीबी मरीजों को खोजने में निजी अस्पतालों से आगे निकली सरकारी संस्थाएं

जबलपुर। जिले में टीबी यानि क्षय रोगियों को खोजने का लक्ष्य 50 फीसदी तक ही पूरा हो पाया है। रोगियों को खोजने में सरकारी संस्थान निजी अस्पताल व क्लीनिकों से आगे हैं, लेकिन इससे जिले को दिये गए लक्ष्य को पूरा करने जिला टीबी विभाग के अधिकारियों को पसीने छूट रहे है। स्थिति ये है कि पब्लिक सेक्टर यानि सरकारी संस्थाओं को दिये गए लक्ष्य के विरुद्ध करीब 80 प्रतिशत तक मरीज खोज लिए है। वहीं प्रायवेट यानि निजी अस्पताल व क्लीनिक में लक्ष्य 50 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाया है। बताया जाता है कि प्रायवेट में मरीजों का लक्ष्य पूरा नहीं होने की समीक्षा को लेकर हाल ही में भोपाल से स्टेट टेक्नीकल अधिकारी अपनी टीम के साथ जबलपुर आई थीं। यहां पर विभाग के साथ बैठक के बाद होटल कल्चुरी में प्रायवेट प्रेक्टिस कर रहे चिकित्सकों के साथ टीबी मरीजों को खोजने के लक्ष्य को पूरा करने व उनकी समय पर जानकारी देने के लिए कहा गया है।

20 तक पहुंची एमडीआर के मरीजों की संख्या

विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक जिले में मल्टी ड्रग रजिस्टेंस पीड़ित मरीजों की संख्या 120 तक पहुंच गई है। पिछले वर्ष की अपेक्षा यह संख्या करीब 20 फीसदी बढ़ी है। इसे लेकर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फील्ड में काम कर रही टीमों के कारण एमडीआर मरीजों को खोजने में विभाग सफल रहा है।

अब प्रायवेट सेक्टर पर फोकस :

डीटीओ डॉ. दंबडे इस संबंध में जिला क्षय अधिकारी डॉ. धीरज दंबडे से बात की गई तो उनका कहना था कि निजी अस्पताल व क्लीनिकोें से टीबी संदिग्ध व पॉजीटिव मरीजों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसे लेकर अब पूरा फोकस प्रायवेट सेक्टर पर रहेगा। साथ ही हर टीबी मरीज की जानकारी लगातार अपडेट की जा रही है सभी सेंटरों में जांच की सुविधाएं उपलब्ध होने से गर्वमेंट सेक्टर का लक्ष्य लगभग 80 प्रतिशत तक पूरा हो गया है।