कांग्रेस के ‘आउटर’ पर अटकी गिरजाशंकर और महेंद्र की सियासी गाड़ी

कांग्रेस के ‘आउटर’ पर अटकी गिरजाशंकर और महेंद्र की सियासी गाड़ी

भोपाल। भाजपा में साढ़े चार दशक तक सक्रिय रहे और होशंगाबाद से दो बार विधायक रह चुके गिरजाशंकर को भाजपा ने रोकने-मनाने की कोशिश भी नहीं की। कांग्रेस से वह लगातार संपर्क में हैं लेकिन ज्वाइनिंग फिलहाल टल गई है। यही स्थिति बसपा से इस्तीफा दे चुके पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध की है। उनकी अभी तक उच्च स्तर पर निर्णयात्मक चर्चा नहीं हो सकी। दोनों नेताओं की सियासी गाड़ी कांग्रेस के आउटर पर आकर अटक गई हैं।

वरिष्ठ नेता गिरजाशंकर ने 2003 और 2008 में विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। भाजपा ने इसके बाद उनके छोटे भाई और विधानसभा अध्यक्ष रहे डॉ सीतासरन शर्मा को टिकट से नवाजा। पूर्व में भी एक बार गिरजाशंकर पार्टी से बगावत कर चुके हैं। नर्मदापुरम अंचल में उनका और परिवार का प्रभाव है। इसलिए कांग्रेस उन्हें विस और लोकसभा चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।

'पीपुल्स समाचार' से चर्चा में शर्मा ने कहा कि भाजपा से उनका मोहभंग हो चुका है। कांग्रेस में चर्चा हो चुकी है। अभी आगे की रणनीति पर विचार मंथन जारी हैं। यही स्थिति पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध की है। उन्होंने 2020 के उपचुनाव में भांडेर से टिकट न मिलने पर कांग्रेस छोड़कर बसपा ज्वाइन कर ली थी। उनका कहना है कि कांग्रेस में घर वापसी को लेकर उन्होंने और संगठन ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

विचार विमर्श जारी: गिरजाशंकर

  • सवाल : आपकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग टल गई क्या कारण रहा?
  • जवाब: विचार विमर्श जारी है।
  • सवाल : भाजपा से किसी ने आपको रोका नहीं ?
  • जवाब: किसी ने संपर्क नहीं किया।
  • सवाल : भाजपा से मोहभंग हो गया?
  • जवाब: हां, पार्टी ने पिछली हार से सबक नहीं लिया।
  • सवाल : नर्मदापुरम से चुनाव लड़ेंगे?
  • जवाब: परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाउंगा जिससे कांग्रेस को नुकसान हो।

टिकट मिलेगा तो ही लड़ूंगा: बौद्ध

  • सवाल : क्या हुआ, आपकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग क्यों अटक गई?
  • जवाब: कांग्रेस में अभी मेरी किसी से कोई चर्चा नहीं हुई ।
  • सवाल : चुनाव मैदान में उतरेंगे क्या?
  • जवाब: मेरी लड़ाई टिकट की है, टिकट मिलेगा तो लड़ूंगा नहीं तो घर बैठूंगा।
  • सवाल : बसपा से अचानक इस्तीफा ?
  • जवाब: मैंने बसपा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
  • सवाल : किसी दल से कोई चर्चा हुई?
  • जवाब: दतिया, भांडेर व सेवढ़ा के साथियों से चर्चा कर रहा हूं।