छात्रों से एबीसी में पंजीयन करवाएं, नहीं तो परीक्षा नहीं दे सकेंगे
ग्वालियर। जीवाजी विवि के कुलसचिव अरुण चौहान ने मंगलवार को अकादमिक बैंक आॅफ क्रेडिट में छात्र-छात्राओं के पंजीयन को लेकर अंचल के लीड कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक ली, जिसमें शहर के सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों के प्राचार्य शामिल हुए। कुलसचिव ने कहा कि एबीसी में छात्रों का पंजीयन होना जरूरी है। अगर छात्र पंजीयन नहीं कराते हैं तो वह परीक्षा फार्म नहीं भर सकेंगे और इस स्थिति में वह परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने यहां अध्ययनरत छात्रों को पंजीयन के लिए निर्देशित करें। हर हालत में 12 फरवरी तक एबीसी में पंजीयन हो जाएं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. एके शर्मा और उपकुलसचिव परीक्षा- गोपनीय राजीव मिश्रा ने कहा कि छात्रों के एबीसी में पंजीयन होने के बाद डीजी लॉकर की सुविधा मिलेगी। विवि द्वारा लॉकर में मार्कशीट और डिग्री अपलोड की जाएगी, साथ ही छात्र पढ़ाई बीच में छोड़कर दूसरे विवि में जाता है तो उसके क्रेडिट उस विवि में आसानी से पहुंच जाएंगे।
पैसा किस परीक्षा का है, यह डिटेल हो
कॉलेज प्राचार्यों ने कहा कि विवि द्वारा परीक्षा संचालन के लिए जो पैसा दिया जाता है, उनके समायोजन में काफी दिक्कत आती है, क्योंकि विवि द्वारा जो पैसा ट्रांसफर किया जाता है, उसमें डिटेल नहीं होती है कि यह किस परीक्षा के लिए है, इसलिए फंड ट्रांसफर करते समय डिटेल भी दी जाए। कॉलेजों की समस्याओं के निराकरण लेकर एआर एकाउंट साधना शर्मा को बुलाया गया।
पंजीयन किस प्रकार करना है, जानकारी देना होगी
परीक्षा नियंत्रक डॉ. एके शर्मा ने लीड कॉलेजों के प्राचार्यों से कहा कि वह अपने जिले के शासकीय कॉलेजों को यह जानकारी दें कि छात्रों को एबीसी पर पंजीयन किस प्रकार करना है और इसके बाद शासकीय कॉलेज प्राइवेट कॉलेज को जानकारी देंगे।
एबीसी में छात्रों के पंजीयन को लेकर अंचल के लीड कॉलेजों के प्राचार्यों को बुलाया गया था, मगर शहर के शासकीय और अशासकीय कॉलेज भी शामिल हुए। कॉलेजों से कहा गया है कि वह अपने छात्रों के एबीसी पर पंजीयन 12 फरवरी तक करा लें। इसके बाद स्रातक थर्ड ईयर के फार्म भराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिन छात्रों के पंजीयन नहीं होंगे, वह परीक्षा फार्म नहीं भर पाएंगे। अरुण चौहान, कुलसचिव जेयू