लहसुन और अदरक ने बिगाड़ा जायका पिछले वर्ष की अपेक्षा तीन गुना दाम बढ़े
जबलपुर। हेल्दी सीजन में इस बार लहसुन और अदरक जायका बिगाड़ने बेताब है। हाल ये है कि पिछल वर्ष की अपेक्षा इस बार 3 गुना रेट्स ज्यादा हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं ने लहसुन और अदरक का इस्तेमाल कम कर दिया है। कई घरों में नाम मात्र के लिए लहसुन प्रयोग में ली जा रही है। गौरतलब है कि बार लहसुन और अदरक की फसल में मौसम ने कहर ढाया है। वहीं पिछले वर्ष लहसुन का अत्यधिक उत्पादन होने और रेट्स न मिलने से किसानों को फसल का विनिष्टीकरण करना पड़ा था। यही वजह है कि इस बार किसानों ने सीमित रूप से पैदावार की, अब मांग बढ़ने पर स्टॉक में लहसुन-अदरक न होने से पूरे महाकौशल क्षेत्र में तीन गुना से ज्यादा भाव बढ़ गए हैं।
यहां से होती है आपूर्ति
मंडी व्यापारियों के अनुसार लहसुन की प्रमुख रूप से आपूर्ति राजस्थान के बंूदी और कोटा से होती है। इस बार यहां किसानों ने कम रकबे में उत्पादन किया था, इसलिए ज्यादा स्टोरेज नहीं हुआ। इसी तरह मप्र के मंदसौर, रतलाम, देवास और आष्टा लहसुन-अदरक के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं, लेकिन जुलाई में अत्यधिक बारिश और सितंबर में सूखा की स्थिति से उत्पादन प्रभावित हुआ है। वहीं जबलपुर के समीपी जिलों में लहसुन का उत्पादन होने लगा है, लेकिन इसे स्टोरेज करने पर खराब हो जाता है। इसलिए लोकल में 5 प्रतिशत लहसुन का उत्पादक क्षेत्र माना गया है।
महाराष्ट्र पर निर्भर अदरक
अदरक का प्रमुख आपूर्ति का केन्द्र महाराष्ट्र को माना जाता है। समूचे मप्र में महाराष्ट्र के चालीसगांव, नासिक और औरंगाबाद से पतले अदरक की आपूर्ति होती है। यहां सूखे की स्थिति के कारण उत्पादन कम हुआ है। वहीं साउथ से मोटे अदरक की आपूर्ति होती है लेकिन इसकी शहर में मांग कम रहती है।
आने लगी नई प्याज
कृषि उपज मंडी में नई प्याज की आपूर्ति शुरू हो गई है। इसलिए उपभोक्ताओं को राहत मिली है। नई प्याज 40 के भाव पर मिल रही है। इस वजह से पुरानी प्याज की पूछपरख कम हुई है और 50 रुपए के भाव पर दाम स्थिर हो गए हैं। हालांकि नासिक से आपूर्ति अभी सीमित है इसलिए स्थाई रेट्स तय नहीं हुए हैं।
फिलहाल लहसुन और अदरक में उतार की संभावना नहीं है। इसकी वजह है कि स्टोरेज में माल खत्म होने की स्थिति है। दिसंबर के एक सप्ताह बाद नई लहसुन की आपूर्ति के बाद सुधार संभव है। अजीत कुमार साहू,अध्यक्ष कृषि उपज मंडी
मौसम प्रतिकूल होने से देश में लहसुन और अदरक की फसल प्रभावित हुई है। वहीं गत वर्ष अच्छे उत्पादन के बाद भी कीमत न मिलने से किसानों ने कम पैदावार की है। इससे तीन गुना दाम बढ़े हैं। -डॉ. ब्रजेश अरजरिया,कृषि विशेषज्ञ