गार्बेज शुल्क माफी के प्रस्ताव को नहीं मिली भोपाल से स्वीकृति, 4 दिन बाद होगी वसूली शुरू

गार्बेज शुल्क माफी के प्रस्ताव को नहीं मिली भोपाल से स्वीकृति, 4 दिन बाद होगी वसूली शुरू

ग्वालियर। नगर निगम संपत्तिकर के साथ गार्बेज शुल्क माफी के मामले में भोपाल मुख्यालय पहुंचे प्रस्ताव को दरकिनार कर निगम के जिम्मेदारों को दो टूक मनाही कर दी है। जिससे तय हो गया है कि चार दिन बाद नया वित्तीय वर्ष 2023-24 शुरू होते ही शहरवासियों को गार्बेज शुल्क स्किप करने का ऑप्शन नहीं मिलेगा। साथ ही लोगों को बीते वर्षों का बकाया गार्बेज शुल्क संपत्तिकर के साथ जमा करना होगा।

चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के बीते 11 माह में निगम अमले को 1.15 लाख आईडी से 81.20 करोड़ का संपत्तिकर मिला है, जिसमें 9.60 करोड़ रुपए गार्बेज शुल्क का है। अहम बात यह है कि स्थगित होने के बाद भी गार्बेज शुल्क लगातार वसूल होने पर बीते वित्तीय वर्ष में मिले 9.53 करोड़ के आंकड़े को पीछे छोड़कर 6 लाख से आगे निकल चुका है। जानकारों की मानें तो गार्बेज शुल्क लगाने के लिए शासन स्तर पर गजट नोटिफिकेशन जारी किया है और स्वच्छता सर्वेक्षण के चलते गार्बेज शुल्क लागू होने के बाद माफ नहीं हो सकता। ऐसे में इंदौर की तर्ज पर गैर आवासीय संपत्तियों के लिए नई दर का प्रावधान पुन: गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही हो सकता है, इसके लिए निगम परिषद से प्रस्ताव पारित होने के बाद शासन से स्वीकृति लेना होगी।

नाराजगी के साथ रिजेक्ट किया प्रस्ताव

गार्बेज शुल्क माफी को लेकर कुछ महीने पहले चेंबर ऑफ कॉमर्स सहित अन्य राजनीतिक दलों ने जमकर हंगामा मचाया था और उसके द्वारा दिए प्रस्ताव को निगम ने नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त को भेजा था। जानकारों की मानें तो प्रस्ताव पर आयुक्त भरत यादव ने खासी नाराजगी जाहिर की है और प्रस्ताव भेजने वाले अधिकारी निशाने पर आकर डांट भी खा चुके हैं। इसके बाद स्वीकृति की सभी संभावना समाप्त हो गई हैं।

अब देना होगा डबल गार्बेज शुल्क

गार्बेज शुल्क स्थगित करने के आदेश में केवल वित्तीय 2022- 23 तक का ही हवाला है। जानकारों की मानें तो संपत्तिकर वसूली के लिए चल रहे सॉफ्टवेयर में भोपाल स्तर से स्किप (स्थगित) करने का ऑप्शन अभी दिखाई दे रहा है, लेकिन नए वित्तीय वर्ष 2023-24 होते ही गार्बेज शुल्क दिखाने वाला स्किप का ऑप्शन खत्म हो जाएगा और अप्रैल के शुरू होते ही लोगों को डबल गार्बेज शुल्क देना होगा।