अतिक्रमणों से घिरा गढ़ा बाजार शास. स्कूल,पार्किंग भी नदारद
जबलपुर। गढ़ा बाजार 2 पार्षदों के सीमा क्षेत्र में स्थित है। यहां माध्यमिक स्तर तक का हाई स्कूल अतिक्रमण की चपेट में है। स्कूल के मुख्य गेट पर चाटफु ल्की की दुकानें सुबह से लग जाती हैं। वहीं शाम होते ही स्कूल के दूसरे गेट पर सब्जी बाजार सज जाता है। ऐसे में स्कूली बच्चों को आने-जाने में परेशानी होती है। गौरतलब है कि गढ़ा के शासकीय स्कूल में बालक-बालिकाओं की कक्षाएं लगती हैं। समीप ही बाजार होने के कारण सुबह से शोर- गुल कक्षाओं में बाधा उत्पन्न करता है। वहीं स्कूल परिसर के चारों तरफ टपरेनुमा दुकानों ने कब्जा कर रखा है। ऐसी स्थिति में पैदल चलने लायक तक जगह नहीं रहती है। स्कूल का मुख्य गेट सुबह से दुकानों से सज जाता है।
त्योहारों में बिगड़ते हालात
तीज-त्योहार के दौरान यहां हालात और बद्तर हो जाते हैं। छोटे-मोटे पर्वों पर भी पूरी सड़कों पर फुटपाथी काबिज हो जाते हैं। इस दौरान सुबह से व्यापारियों द्वारा कब्जा करने की होड़ लग जाती है और कई बार स्कूल में अघोषित अवकाश हो जाता है।
दो सौ मीटर का दायरा फेल
स्कूल परिसर से 2 सौ मीटर तक के क्षेत्र में पान-चाय के टपरे लगाना प्रतिबंधित है। माध्यमिक स्कूल में हाल ये हैं कि स्कूल कक्ष की दीवार से लगे चाय-पान के टपरे से प्रशासन अनभिज्ञ है। उक्त स्कूल 2 वार्डों की सीमा के बीचोंबीच हैं। इसके बाद भी दोनों सत्ताधारी पार्षदों द्वारा स्कूल विकास के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में चौतरफा अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।
सड़कें तक कब्जे में
स्कूल पहुंचने के लिए 3 तरफ से सड़कें हैं। इन सड़कों की हालत ये है कि आधी सड़क तक कब्जे में सिमट गई है। दुकानों के शो रूम से बाहर तक दुकानें सजी रहती हैं। कई दशकों से यहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय नागरिक मोहन लाल चड्डा का कहना है कि वे 30 साल पहले यहां पढ़े हैं, तब स्कूल के ये हालात नहीं थे। अब तो शिक्षा का मंदिर अतिक्रमण से घिर गया है।