फाउंडेशन से लेकर लिपस्टिक तक बन रहे प्लांट बेस्ड सामग्री से, एनिमल्स पर भी नहीं होती टेस्टिंग

वर्ल्ड वीगन मंथ : वीगन मेकअप से पर्यावरण, स्वास्थ्य व जानवर भी रहेंगे सुरक्षित

फाउंडेशन से लेकर लिपस्टिक तक बन रहे प्लांट बेस्ड सामग्री से, एनिमल्स पर भी नहीं होती टेस्टिंग

मेकअप अब जिंदगी का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। सेलेब्स की तरह ही अब आम लोग भी सोशल मीडिया मौजूदगी को प्रभावी दिखाने के लिए प्रॉपर मेकअप लुक में ही नजर आते हैं। यही वजह है कि अब मेकअप इंडस्ट्री में जमकर रिसर्च एंड डेवलपमेंट चल रहा है, जिसका असर अब वीगन कॉस्मेटिक के रूप में नजर आने लगा है। जी हां, वीगन फूड के बाद अब मेकअप और ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी वीगन हो रहे हैं। यानी प्राकृतिक खनिजों या पौधों से प्राप्त होने वाली चीजों के इस्तेमाल से कॉस्मेटिक्स बनाने की शुरुआत हो चुकी है। वीगन यानी जिसमें पशुओं से मिलने वाले किसी भी प्रोडक्ट को उत्पाद के निर्माण से हटा दिया जाता है। प्रोडक्ट्स को एनिमल्स पर टेस्ट भी नहीं किया जाता।

ऑनलाइन वीगन कॉस्मेटिक्स स्टोर्स भी शुरू

वीगन प्रोडक्ट्स या कॉस्मेटिक में सिर्फ प्लांट बेस्ट चीजों का इस्तेमाल कर प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं। भोपाल के कॉस्मेटिक स्टोर्स सहित ऑनलाइन वीगन कॉस्मेटिक स्टोर्स भी शुरू हो चुके हैं। नवंबर का महीना वर्ल्ड वीगन मंथ के रूप में मनाया जाता है।

स्किन केयर व हेयर केयर प्रोडक्ट्स भी वीगन

मेकअप प्रोडक्ट्स में हानिकारक खनिज जैसे सीसा और पारा का इस्तेमाल होता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है, लेकिन अब लोग जागरूक हो रहे हैं और इसी वजह से पिछले कुछ सालों से सेफ, ऑर्गेनिक, क्रूअल्टी फ्री और वीगन ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मांग में बढ़ोतरी हुई है। वीगन लिप टिंट रिसाइकल होने वाली पैकिंग में आते हैं और पूरी तरह से प्लांट बेस्ड लिप टिंट और इसी तरह लिपस्टिक भी होती हैं। इन्हें वीगन सोसायटी का सर्टिफिकेशन मिलता है। इसी तरह वीगन फाउंडेशन, वीगन सीरम, फेस क्रीम, नाइट क्रीम, वीगन हेयर मास्क, शैंपू, फेस मास्क यानी पूरी रेंज वीगन ऑनलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध रहती है। बस अंतर इतना होता है कि इनकी शेल्फ लाइफ कम होती है क्योंकि यह केमिकल फ्री होते हैं।

वीगन मेकअप की भी आ रही डिमांड

वीगन कॉस्मेटिक की मांग बढ़ी है और महिलाएं इस बारे में जानकारी लेती हैं। इसमें मोम, शहद, लैनोलिन, केराटिन, कोलेजन, जिलेटिन, कैरमाइन, कोलेस्ट्रॉल, मोती, एनिमल फैट जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं होता। सिर्फ प्लांट बेस्ट चीजें जैसे शिया बटर, ऑलिव घी, बेरीज जैसे इंग्रीडिएंट्स से कॉस्मेटिक बनते हैं। अब वीगन मेकअप भी मांग आने लगी है, तो इसकी रेंज भी मेनटेन कर रहे हैं क्योंकि यह नया ट्रेंड है।

वीगन ब्रांडिंग से महंगे हुए प्रोडक्ट्स

वीगनिज्म को फॉलो करने वाले वैसे भी दिखावे से दूर होते जाते हैं क्योंकि वे स्प्रिचुएलिटी की तरफ बढ़ने लगते हैं, कंपनियों को ऐसा लगा कि वीगन प्रोडक्ट्स लाकर वे ऐसे लोगों के समूह का एक बाजार खोने से बचा सकते हैं तो उन्होंने वीगन ब्यूटी एंड कॉस्मेटिक्स को प्रमोट करना शुरू कर दिया जो अच्छी पहल है लेकिन इसका दूसरा, पक्ष यह है कि इसमें भी एलिट कंसेप्ट आ गया और वीगन चीजें सस्ती होने की बजाए ब्रांड्स ने वीगन केटेगरी लाकर महंगी कर दी। इस तरह के प्रोडक्ट्स में शार्क के लीवर से प्राप्त स्क्वैलिन के बदले जैतून का स्क्वैलीन, मछली की शल्क से प्राप्त होने वाले गुआनिन की जगह पर कृत्रिम (सिंथेटिक) मोती, आदि का इस्तेमाल किया जाता है। वरुण नामदेव, वीगन एक्टिविस्ट