35 साल के इतिहास में पहली बार जुलाई में बरगी डेम के खोले गए 5 गेट

35 साल के इतिहास में पहली बार जुलाई में बरगी डेम के खोले गए 5 गेट

जबलपुर। अंतत: एक दिन विलंब से बरगी बांध के 5 गेट खोल दिए गए। बरगी बांध का निर्माण 1988-89 में पूरा हुआ था संभवतय पहली बार जुलाई में बरगी के गेट खुले हैं। जबलपुर संभाग के कैचमेंट एरिया में रुक-रूककर हो रही बारिश के वजह से बांध का जल स्तर बढ़ता जा रहा था। बांध मेन्युअल का पालन करने हुए डेम प्रबंधन ने अभी इन गेट्स को 0.80 मीटर ऊंचाई तक खोला हैं। रानी अवंतिबाई लोधी सागर परियोजना के बरगी बांध के गेट खोलने की सूचना दो दिन पहले ही जारी कर दी गई थी मंगलवार को गेट खोले जाना थे पर बुधवार को खोले गए। बांध प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट की खबर सभी निचले तटीय क्षेत्रों तक पहुंचाई गई। रानी अवंति बाई लोधी सागर परियोजना के मुख्य अभियंता ने बताया कि बांध से पानी छोड़े जाने से निचले क्षेत्र के नर्मदा घाटों में जल स्तर 4 से 6 फीट क वृद्धि होगी।

सेल्फी लेने मची होड़

वहीं बारिश के दिनों में सैलानी डेम के गेट खुलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस बारिश के सीजन में यह पहला मौका है जब डेम के गेट खोले गए हैं। बुधवार को बांध का लेवल 418.45 मीटर हो गया था। डेम में अभी पानी की आवक के हिसाब से कुल 21 में से सिर्फ 5 गेट खोलने की जरुरत पड़ी। बुधवार की शाम 6.05 बजे हूटर बजते ही बांध के पांच गेट आहिस्ता-आहिस्ता आधा मीटर से ज्यादा ऊंचाई तक खोल दिए गए। इस नजारे को देखने यहां सैलानियों की भारी भीड़ जुट गई। बांध के खुले हुए गेट से निकलते पानी के इस दृश्य को लोगों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। सेल्फी लेने भी लोगों में होड़ मची रही।

पुलिस रही अलर्ट

हालांकि मौके पर तैनात पुलिस प्रशासन ने बांध से पानी छूटते ही लोगों को वहां से अलग करना शुरू किया। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में जबलपुर संभाग के कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट भी जारी हैं। कार्यपालन यंत्री ए.के. सूरे ने बताया कि यदि बांध में पानी की तेजी मात्रा बढ़ने पर फिर समीक्षा की जाएगी। यदि आवश्यकता पड़ेगी तो खुले हुए गेट या तो ऊंचाई बढ़ाई जाएगी, या फिर और भी गेट खोलने का निर्णय लिया जा सकता हैं। ग्वारीघाट, नरसिंहपुर, पिपरिया, होशंगाबाद, सीहोर समेत आगे कई जिलों में नर्मदा के तटीय इलाकों में अब जल-स्तर बढ़ेगा। प्रशासन सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से मुस्तैद हैं।