पहली बार जंगल में मशीन ले जाकर बाघ का एक्स-रे कर किया इलाज

पहली बार जंगल में मशीन ले जाकर बाघ का एक्स-रे कर किया इलाज

जबलपुर। प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के घायल नर बाघ को जंगल में ही बेहोश कर उसका एक्स-रे किया गया। इसके लिए जबलपुर वेटरनरी यूनिवर्सिटी के एसडब्ल्यूएफएच सेंटर से तीन सदस्यीय एक्सपर्ट्स की टीम अपने साथ पोर्टेबल एक्स-रे मशीन को लेकर गई थी। प्रदेश में संभवत: यह पहला प्रयोग है। बताया जाता है कि जबलपुर से गई टीम में डॉ. शोभा जावरे, डॉ. सोमेश सिंह व डॉ. केपी सिंह, पार्क वेटरनरी डॉक्टर गुरुदत्त एवं वाइल्ड लाइफ कजर्वेशन ट्रस्ट के डॉक्टर प्रशांत देशमुख थे। जांच के बाद टीम ने पाया पीछे के एक पैर में मोच के कारण उसकी चाल असामान्य थी। इलाज के बाद बाघ को जंगल में रिलीज कर दिया गया।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में घायल बाघ का एक्स-रे

पार्क अधिकारियों के मुताबिक घायल नर बाघ पिछले कुछ दिनों से मादा के साथ विचरण करता हुआ देखा जा रहा था। तीन दिन पहले बाघ ने एक पाडे (भैंस का बच्चा) का शिकार भी किया। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि यह शिकार नर बाघ ने किया है या मादा बाघ ने। इस बारे में फील्ड डायरेक्टर एलकृष्णमूर्ति सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पार्क का एक नर बाघ को टीम ने गश्ती के दौरान लंगडा कर चलते हुए देखा था। जिसके बाद उसकी हाथियों के माध्यम से निगरानी की जा रही थी।

उपचार के लिए जबलपुर वीयू से एक्सपर्टस की टीम को बुलाया गया था टीम अपने साथ पोर्टेबल एक्सरे मशीन लाई थी, जिससे जांच की गई। बाघ को समुचित उपचार दे दिया गया और उसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। वहीं कुलपति वीयू प्रो. डॉ. एसपी तिवारी ने कहा कि विवि में मौजूद उपकरणों से घायल वन्यप्राणियों को बेहतर उपचार मिले इसके लिए हम प्रयासरत है। अत्याधुनिक उपकरणों से न सिर्फ वन्यजीव की जांच करना सरल है बल्कि कम समय में उसे अच्छा उपचार भी मिलता है।