बिजली कनेक्शन के चक्कर में अटकी फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब
जबलपुर। प्रदेश में इंदौर, ग्वालियर के बाद जबलपुर में बन रही तीसरी रीजनल फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब बिजली कनेक्शन के चक्कर में अधर में लटकी हुई है। यहां पर मशीनें तो आ चुकी हैं लेकिन ये मशीन विद्युत कनेक्शन नहीं हो पाने से इंस्टॉल नहीं हो पा रही है।
रफ्तार बढ़ाने एसीएस खुद देखेंगे क्या हो रहा काम
बताया जाता है कि अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान सहित आला अधिकारियों की टीम शुक्रवार की देर शाम जबलपुर पहुंची। यहां पर एससीएस रीजनल हेल्थ डायरेक्टर से लैब काम के बारे में जानकारी ली। एसीएस के दौरे को देखते हुए अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही लैब का शुभारंभ कर दिया जाएगा।
एक करोड़ से ज्यादा की है मशीनें
बताया जाता है कि लैब में खाद्य पदार्थों की केमिकल टेस्टिंग के लिए अत्याधुनिक मशीनों के इंस्टालेशन का काम होना है। इन मशीनों की कीमत करीब एक करोड़ से अधिक है।
वर्ष 2020 में शुरू हुआ था काम
जानकारी के मुताबिक रीजनल फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब का काम 28 मई 2020 को शुरू हुआ था। इसे पूरा करने के लिए मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल ने 16 माह की समयावधि निश्चित की थी। लेकिन अब भी यह लैब विभाग को हेंडओवर नहीं हो पाई है।
ड्रग लैबोट्ररी में नहीं लग पाया फर्नीचर
बताते हैं कि लैब का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनकर तो तैयार हो गया है। लेकिन अभी तक ड्रग लैबोट्ररी में फर्नीचर लगने का काम बाकी है। ऐसे में फूड के लिए मशीनें इंस्टॉल हो भी जाती है तो ड्रग टेस्टिंग के लिए काम होने में समय लगेगा।
भोपाल भेजे जा रहे सैंपल
सीनियर फूड इंस्पेक्टर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि अभी जिले में टीम द्वारा लिए गए सैंपलों को जांच के लिए भोपाल भेजा जाता है। हर माह करीब 25 सैंपल हम भोपाल भेज रहे हैं इसमें भोपाल से भी कुछ सैंपल निजी लैब में जांच के लिए जाते हैं।
विद्युत कनेक्शन नहीं हो पाने से लैब में मशीनों के इंस्टॉलेशन का काम शेष रह गया है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है जल्द ही यहां पर कनेक्शन का काम पूरा हो जाएगा। केके सिलावट, नोडल अधिकारी फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब जबलपुर