दिल्ली व उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों पर कोहरे का कहर जारी
जबलपुर। इन दिनों मप्र सहित उत्तर भारत या देश के अन्य हिस्सों में कोहरा जमकर अपना असर दिखा रहा है। जबलपुर मंडल से संचालित होने वाली 37 व यहां से गुजरने वाली 165 ट्रेनों पर भी ये अपना असर दिखा रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित सुबह यहां पहुंचनेवाली ट्रेनों पर असर दिख रहा है जो कि 2 से 3 या इससे भी ज्यादा घंटों तक लेट चल रही हैं। दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में महाकौशल,श्रीधाम प्रतिदिन कोहरे के क हर का सामना कर रही हैं। ये ट्रेन लगातार लेट हो रही हैं। इसके अलावा वाराणसी, प्रयागराज, पश्चिम बंगाल से आने वाली ट्रेनों पर भी इसका असर देखने मिल रहा है। हावड़ा से आने वाली शक्तिपुंज भी कोहरे के चलते लेट हो रही है।
क्या है फाग डिवाइस
फाग डिवाइस एक छोटा सा यूनिट है जिसे ट्रेन के इंजन में लगाया जाता है। इसमें अगले 500 मीटर तक की क्या स्थिति है यह पता चलती है। कोहरे की स्थिति देखकर ट्रेन को धीमा कर लिया जाता है। इसके अलावा ये आगे की ट्रेन के बारे में भी संकेत देता है। जबलपुर मंडल के अधिकारियों का कहना है कि यहां से संचालित सभी ट्रेनों में फाग डिवाइस लगाया गया है।
पहले फोड़े जाते थे पटाखे
पहले कोहरे के बारे में बताने के लिए ट्रैकमैन पटाखे फोड़ते थे जिससे लोको पायलट को आगे घना कोहरा है और ट्रेन को निर्धारित रफ्तार से निकालना है ऐसा संकेत दिया जाता था। फाग डिवाइस लगने के बाद से इसका चलन कम हो गया है मगर आज भी यह कहीं-कहीं इस्तेमाल होता है। उदाहरणार्थ दमोह और कटनी के बीच के ट्रैक में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कनेक्टिंग ट्रेन छूटती हैं
यात्रियों को कोहरे के चलते कनेक्टिंग ट्रेन छूट जाने की परेशानी होती है। मतलब यदि कोई यात्री जबलपुर आकर अन्य ट्रेन से अपने गंतव्य को जाता है तो उसकी ट्रेन लेट होने से अगली ट्रेन छूट जाती है। ऐसे में उसकी आगे की यात्रा परेशानी वाली हो जाती है।
10 की रफ्तार में चलती है ट्रेन
जिन क्षेत्रों में घना कोहरा छाया होता है वहां पर ट्रेन की रफ्तार 10 किमी प्रतिघंटा से चलाना होता है ताकि किसी तरह का कोई रिस्क न रहे। ऐसा अक्सर सुबह के वक्त देखने मिलता है। कोहरे का ज्यादा असर सुबह 4 से 7 या 8 बजे तक देखा जाता है।
जबलपुर मंडल से 37 ट्रेन संचालित की जाती हैं ज्यादातर में फाग डिवाइस यूनिट लगा है। इसके अतिरिक्त यहां से 165 ट्रेन गुजरती हैं। फाग डिवाइस के इस्तेमाल से लोको पायलट को कोहरे की स्थिति में काफी मदद मिलती है। विश्वरंजन,सीनियर डीसीएम, जबलपुर रेल मंडल।