सिक्किम में बाढ़ से बिगड़े हालात, तीस्ता नदी ने उगले 51 शव
मुख्यमंत्री तमांग बोले, पिछली सरकार ने किया था घटिया सामग्री का उपयोग
गंगटोक। सिक्किम में कुदरत का कहर देखने को मिला, जहां बादल फटने से लगभग 51 लोगों की मौत हो गई। अब तक 26 शव सिक्किम में और 25 पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी से निकाले गए हैं। हादसे में पाक्योंग जिले के बरदांग सेना छावनी से लापता 22 सैनिकों में से 9 के शव मिले हैं। वहीं लापता 143 लोगों में से 62 सुरक्षित मिल गए हैं। अब 81 लोग लापता बताए जा रहे हैं। हादसे पर राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने पिछली सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि घटिया सामग्री से बांध निर्माण की वजह से सिक्किम में बादल फटने के बाद स्थिति खतरनाक और बेकाबू हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी वजह से जानमाल का इतने बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
घटिया सामग्री से बना डैम:
बादल फटने के बाद दक्षिण ल्होनक झील का पानी बढ़ गया और चुंगथांग जल विद्युत परियोजना तीस्ता चरण -3 डैम तक पहुंच गया। घटिया सामग्री से डैम तैयार किया गया था, जो उफनते पानी को संभाल नहीं पाया। झील और बांध का पानी एक साथ नदी में आने से तीस्ता नदी ने विकराल रूप ले लिया। वहीं लापता 81 लोगों की सेना तलाश में जुटी है। इधर मृतकों के स्वजनों को सिक्किम सरकार 4-4 लाख का मुआवजा देगी। वहीं, राहत शिविरों में रहने वालों को 2-2 हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है।
राहत और बचाव कार्य जारी:
प्रभावित इलाके में राहत और बचाव कार्य जारी है। सेना के जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सिक्किम पुलिस के साथ आम नागरिक भी लगातार बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। अब तक 2,413 लोगों को बचाया गया है।
केंद्र ने दिए 44.8 करोड़ रुपए :
गृह मंत्री अमित शाह ने सिक्किम में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से राज्य को 44.8 करोड़ रुपए की अग्रिम राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है।