तकनीकी खामी के कारण नहीं हो रही वाहनों की फिटनेस, एक महीने की मिली मोहलत
ग्वालियर। व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) ई-सिम रिन्यूअल नहीं होने के कारण प्रदेशभर में बसों की फिटनेस नहीं हो पा रही है। परिवहन आयुक्त ने बस ऑपरेटरों की समस्याओें को समझते हुए फिटनेस कराने के लिए एक माह की छूट दी है। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि जिन कमर्शियल व्हीकल्स में ट्रैकिंग डिवाइस लगी है और पूर्व में एक्टिवेशन हो चुका है तो ऐसे वाहनों की फिटनेस निरस्त नहीं की जाए। बस ऑपरेटरों ने वीएलटीडी डीलरों द्वारा ई-सिम रिचार्ज, बीएसएनएल बैकेंड चार्ज और एएमएसी के नाम पर पैसा मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई है।
आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए हैं -वीएलटीडी निर्माता कंपनियों को कस्मटर सपोर्ट और सर्विस सेंटर जल्द स्थापित किए जाएं, ताकि वाहन संचालक शिकायत का निराकरण करा सकें, रिन्यूअल चार्ज का ब्रेकअप परिवहन कार्यालय में प्रस्तुत किया जाए। वाहन स्वामियों को बिल दिए जाएं, बीएसएनएल, एनआईसी को इंटीग्रेशन संबंधी समस्याओं का निराकरण जल्द करें। जिन वाहनों में ट्रेकिंग डिवाइस लगी है और पूर्व में एक्टिवेशन हो चुका है, उनकी फिटनेस निरस्त नहीं करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
आखिर कहां आ रही दिक्कत
परिवहन विभाग के आदेश पर बस ऑपरेटर या अन्य कमर्शियल व्हीकल के ऑनरों ने बस और ट्रक, डंपर में वीएलटीडी लगवाई हैं। वाहन फिटनेस के लिए परिवहन कार्यालय पहुंचते हैं तो वीएलटीडी सिम रिन्यूअल कराना होती है, लेकिन रिन्यूअल के समय वाहन पोर्टल-4 से इंटीग्रेशन नहीं होने के कारण ट्रेकिंग डिवाइस एक्टिवेशन (पोर्टल पर वाहन की ट्रैकिंग डिवाइस शो नहीं हो रही) नहीं हो पा रहा है, जिससे फिटनेस नहीं हो पा रही है।
व्यवसायिक वाहनों में फिटनेस के दौरान ई-सिम के रिन्यूअल नहीं होने, इंटीग्रेशन और एक्टिवेशन की समस्या के कारण फिटनेस नहीं हो पा रही है। इसे लेकर वाहन स्वामियोें को एक माह की छूट दी गई है। एसके झा, परिवहन आयुक्त म.प्र.