नहीं फूट सकेंगे बेरियम सॉल्ट, मरकरी, लेड, आर्सेनिक, एण्टीमोनी लिथियम से बने पटाखे

नहीं फूट सकेंगे बेरियम सॉल्ट, मरकरी, लेड, आर्सेनिक, एण्टीमोनी लिथियम से बने पटाखे

जबलपुर। सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी दिशा-निदेर्शों तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिले में ऐसे पटाखों के क्रय-विक्रय भण्डारण एवं परिवहन की गतिविधियों पर रोक लगा दी है, जिनके निर्माण में बेरियम साल्ट का इस्तेमाल किया गया है। जिला दण्डाधिकारी ने प्रतिबंधात्मक आदेश में लड़ी में (जुड़े हुये) पटाखों तथा ऐसे पटाखों जिनकी तीव्रता विस्फोट स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीबल से अधिक हो के क्रय-विक्रय भण्डारण एवं परिवहन पर भी रोक लगाई है। इसके साथ ही एण्टीमोनी लिथियम, मरकरी, आर्सेनिक, लेड, स्ट्रोनटियमक्रोमेट का उपयोग कर बनाये गये पटाखों के क्रय-विक्रय, भण्डारण एवं परिवहन को भी प्रतिबंधित किया गया है।

यहां पूर्णत: प्रतिबंध

प्रतिबंधात्मक आदेश के अनुसार त्यौहार के दौरान अस्पताल, नर्सिग होम, स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षण संस्थानों, माननीय न्यायालयों, धार्मिक स्थलों आदि जैसे शांत क्षेत्रों से 100 मीटर की दूर तक पटाखे नहीं चलाये जा सकेंगे। आयुध निर्माणी, पेट्रोल पम्प, गैस गोदाम इत्यादि ज्वलनशील स्थानों पर भी पटाखे चलाना प्रतिबंधित रहेगा। पटाखा चलाने के बाद उत्पन्न कचरे को ऐसे स्थान पर नहीं फेका जा सकेगा जहां प्राकृतिक जल स्त्रोत एवं पेयजल स्त्रोत प्रदुषित होने की संभावना हो।

सेम्पल लेकर जांच की जाए

नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने 19 अक्टूबर को सख्त निर्देश दिया था कि बेरियन साल्ट से बने पटाखों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाएगा। प्रशासन को चाहिए कि पटाखा विक्रेताओं से अंडरटेकिंग लिया जाए तथा पटाखों की जांच करने उनके सेम्पल लेकर जांच की जाए। इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि यदि वायु गुणवत्ता मापदंडों के नीचे आती है तो वायु गुणवत्ता को ठीक करने तत्कााल कार्रवाई की जाए। वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार मप्र में वायु प्रदूषण से नागरिकों की आयु 5 वर्ष से घट रही है।