मेडिकल अस्पताल के वार्ड नंबर 14 में भड़की आग, बाल-बाल बचे मरीज
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शाम करीब 6.30 बजे वार्ड नंबर-14 के डॉक्टर्स रूम में आग लग गई। भड़की आग ने कुछ मिनटों में ही विकराल रूप लेना शुरू कर दिया, इसे देख डॉक्टरों के साथ नर्सिंग स्टाफ और मरीज के साथ परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। चीख- पुकार के बीच मरीजों और परिजनों को सुरक्षा कर्मियों और स्टाफ ने वार्ड से बाहर निकालने का काम शुरू किया। सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ की तत्परता से इस हादसे में यहां पर भर्ती मरीज बाल-बाल बच गये। इस बीच आग की खबर लगते ही मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविन्द शर्मा, उप अधीक्षक डॉ. ऋचा शर्मा सहित अन्य अधिकारी पहुंचे। यहा पर अधिकारियों ने मरीजों को दूसरे वार्ड में भर्ती कराने की व्यवस्था की। रोते-बिलखते हुए मरीजों के परिजनों को अधिकारी व कर्मचारी ढाढ़स बंधाते हुए दिखे।
बताया जाता है कि आग लगने के बाद स्टाफ ओर सुरक्षाकर्मियों ने आनन-फानन में इस वार्ड में भर्ती सभी मरीजों को दूसरे खाली वार्डों में शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया। साथ ही कुछ कर्मी अग्निशामक यंत्र से आग बुझाने जुटे रहे करीब आधा घंटे में इस आग को बुझाया जा सका।
फिर याद आया निजी अस्पताल का अग्निकांड
मेडिकल अस्पताल में आग की खबर लगते ही एक बार फिर मरीज और उनके परिजनों में पिछले साल 1 अगस्त 2022 को निजी अस्पताल में हुए ह्दय विदारक अग्निकांड की याद दिलाते हुए उनके रौंगेटे खड़े कर दिये।
शार्ट सर्किट से लगी आग : अधीक्षक
अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविन्द शर्मा के मुताबिक वार्ड नंबर-14 जिसमें सर्जरी के मरीज भर्ती थे, वहां पर रविवार शाम करीब 6.30 के आसपास डॉक्टर्स ड्यूटी रूम में शार्ट सर्किट के साथ आग लग गई। इस पर चिकित्सक बाहर निकले और स्टाफ के साथ मरीज और उनके परिजनों को बाहर करने में जुट गये। इस घटना में फिलहाल कोई भी जनहानि नहीं हुई है सभी मरीज सुरक्षित है और इन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
पहले भी लग चुकी है बच्चा वार्ड में आग
जानकारी के मुताबिक कुछ माह पहले भी अस्पताल के बच्चा वार्ड में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी थी यह आग खम्बे से होती हुई वार्ड तक पहुंच गई थी। लेकिन गनीमत रही कि समय रहते यहां पर सुरक्षाकर्मियों ने इस आग को बुझाते हुए सभी बच्चों को वार्ड से बाहर निकाल लिया था। अग्नि हादसे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने यहां पर विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन से कहा था।