वित्तीय वर्ष समाप्त, सरकारी विभाग नहीं वसूल पाए बकाया राशि
ग्वालियर। वित्तीय वर्ष 2022-23 के समाप्त होने पर सरकारी विभागों से बकाया राशि की वसूली नहीं हो पाई। आबकारी विभाग, सिंचाई विभाग, परिवहन और बिजली कंपनी ने निर्धारित समयावधि में ज्यादा वसूली कर ली है और कुछ विभागीय अमला तयशुदा राशि भी नहीं वसूल पाया। सिंचाई विभाग को 200 करोड़ वसूलना थे लेकिन यह राशि विभाग नही वसूल पाया। बिजली कंपनी भी 8 करोड़ की वसूली नहीं कर पाई है।
सिंचाई का किसानों पर 200 करोड़ बकाया
सिचाईं ( जल संसाधन ) विभाग ग्वालियर-चंबल अंचल में खेतों में नहरों से पानी देने के एवज में सिचाईं विभाग राशि वसूलता है। यह पैसा श्योपुर, मुरैना, दतिया, भिंड और डबरा के किसानों के ऊपर बकाया है। सिचाईं विभाग का अभी तक करीब 200 करोड़ का बकाया है। स्टाफ के अभाव में यह वसूली मुश्किल होती दिख रही है। सिचाईं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को चंबल, सिंध, पार्वती, बेसली नदी से किसानों ने सिचाईं के लिए पानी लिया है।
आबकारी को 122 करोड़ ज्यादा मिला राजस्व
वर्ष 2022-23 के लिए ग्वालियर में संचालित 112 कंपोजिट मदिरा व 09 भांग दुकानों के लिए 478 करोड का लक्ष्य रखा गया था और लक्ष्य प्राप्ति हेतु 1500 से अधिक प्रकरण कायम कर 4.11 करोड़ रुपए की अवैध निर्माण सामग्री जब्त एवं नष्ट करने के बाद विभाग को 549 करोड़ रुपए अधिक राजस्व मिला, जो लक्ष्य से 71 करोडु अधिक होकर 115 प्रतिशत ज्यादा रहा। वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में मिले 427 करोड़ की तुलना में वर्तमान वर्ष 2022-23 में कुल राजस्व 549 करोड़, रुपए मिला, जो बीते वर्ष की आय से 122 करोड़ रुपए अधिक रहा है।
230 करोड़ था टारगेट, 250 करोड़ से ज्यादा आए
परिवहन विभाग ने ग्वालियर परिवहन कार्यालय को वित्तीय वर्ष 230 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य दिया था, जिसे कार्यालय ने वर्ष 2022-23 खत्म होने से 15 दिन पहले ही पूरा कर लिया था। कार्यालय ने अभी तक 250 करोड़ से ज्यादा राजस्व अर्जित कर लिया है। कार्यालय को व्यापार मेले से बिके 22 हजार 747 वाहनों से टैक्स के रूप में 71.48 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। आरटीओ एचके सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष में मिले राजस्व लक्ष्य को समय रहते ही पूरा कर लिया था।
बिजली कंपनी ने 66 करोड़ वसूला
बिजली कंपनी कोे वित्त वर्ष के आखिरी महीने में 74 करोड़ रुपए का टारगेट मिया था लेकिन कंपनी सिटी सर्किल के 2.72 लाख उपभोक्ताओं से 66 करोड़ रुपए ही हासिल कर पाई जबकि गत वर्ष की बात की जाए तो कंपनी ने 78 करोड़ रुपए का राजस्व वसूल किया था।