दीपावली के कुछ दिन बाकी, अतिथि विद्वानों को मानदेय देने बजट नहीं आया

दीपावली के कुछ दिन बाकी, अतिथि विद्वानों को मानदेय देने बजट नहीं आया

ग्वालियर। सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर सेवाएं दे रहे अतिथि विद्वानों को अक्टूबर माह का मानदेय देने के लिए शासन ने कॉलेजों में बजट ही नहीं भेजा है, इसलिए अक्टूबर माह का मानदेय 4 नवंबर तक जारी नहीं हो सका है। अतिथि विद्वानों बजट नहीं आने पर निराशा का माहौल हैं, क्योंकि कुछ दिनों बाद दीपावली का त्योहार है। सीएम ने 50 हजार रुपए मासिक वेतन की घोषणा थी सीएम शिवराज सिंह ने 11 सितंबर 23 को भोपाल में हुई महापंचायत में अतिथि विद्वानों को प्रति कार्य दिवस मानदेय देने की व्यवस्था बंद मासिक 50 हजार वेतन देने की घोषणा की थी। इससे अतिथि विद्वान काफी खुश थे, लेकिन विभाग के उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने 5 अक्टूबर को 1500 प्रति कार्य दिवस के स्थान पर 2 हजार प्रति कार्य दिवस के आदेश जारी किए हैं।

अब ये नई व्यवस्था रहेगी

अतिथि विद्वानों का मूल्यांकन पूरे सत्र में किए गए पठन-पाठन के आधार पर छात्रों की विवि परीक्षा में अर्जित अंकों, छात्रों की संख्या व प्राचार्यों के मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा, प्रति दिवस न्यूनतम 6 घंटे तथा प्रतिमाह न्यूनतम 40 घंटे उपस्थित रहना होगा, रेमेडियल कक्षाएं भी लेना होंगी, महिला अतिथि विद्वानों को प्रसूति अवकाश में प्रत्येक माह उपलब्ध कराई गई कार्य दिवसों के आधार पर मानदेय भुगतान किया जाएगा, अकादमिक सत्र में केवल एक बार स्थान परिवर्तन की सुविधा दी जाएगी, लगातार 15 दिन अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्यमुक्त की चेतावनी दी जाएगी, सत्र में 13 सवैतनिक अवकाश की सुविधा रहेगी, अवकाश स्वीकृति के लिए पोर्टल से आवेदन करना होगा, अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष रहेगी।

अतिथि विद्वानोें को लेकर मासिक 50 हजार वेतन देने के कोई आदेश नहीं आए हैं। 1500 रुपए के बजाए 2 हजार रुपए प्रति कार्य दिवस के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। शासन ने मानदेय देने के लिए बजट नहीं आया है। डॉ. आरकेएस सेंगर, प्राचार्य एसएलपी कॉलेज

मुख्यमंत्री ने भोपाल में महापंचायत में अतिथि विद्वानों को मानदेय के बजाए 50 हजार रुपए मासिक वेतन देने की घोषणा की थी, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 2 हजार रुपए प्रति कार्य दिवस के आदेश कॉलेजों को भेजे हैं। दीपावली के कुछ दिन बाकी हैं मगर अभी तक अक्टूबर का मानदेय नहीं दिया गया है। डॉ. सुरजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अतिथि विद्वान संघ