परीक्षा के पहले डर, पेपर के बाद विद्यार्थियों के खिले चेहरे
इंदौर। माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं की बोर्ड परीक्षा गुरुवार से शुरू हुई। पहला पेपर हिंदी का था। कोरोना के बाद बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए 12वीं के विद्यार्थियों में परीक्षा को लेकर मन में डर और घबराहट भी नजर आई, लेकिन पेपर देखने के बाद उनके चेहरे खिल उठे। बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने व्यवस्था में बदलाव किया है। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पहली बार 12वीं के विद्यार्थी की जानकारी ओएमआर शीट के माध्यम से दी। अधिकांश विद्यार्थियों को इसे भरने में काफी दिक्कतें आईं।
जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने बताया कि जिले में 149 परीक्षा केंद्र बनाए हैं, जिसमें 64 सरकारी और 85 निजी स्कूल हैं। इनमें 43 हजार विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 34497 नियमित और 9034 प्रायवेट विद्यार्थी हैं। परीक्षा सेंटर दूर होने के कारण सुबह करीब एक घंटा पहले ही पहुंच चुके थे। परीक्षा का समय सुबह 9 से 12 रखा गया। विद्यार्थियों को आधा घंटे पहले परीक्षा केंद्र परिसर में प्रवेश दिया गया। नकल रोकने के लिए केंद्राध्यक्षों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते परीक्षा केंद्र पर पहुंचे विद्यार्थियों की दो बार चेकिंग की गई।
विद्यार्थियों ने पहली बार भरी ओएमआर शीट-पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 12वीं के विद्यार्थियों को पहली बार ओएमआर शीट दी गई, जिसके चलते कई विद्यार्थियों ने इसमें गलत जानकारी भर दी, जिसे शिक्षकों द्वारा ठीक कराया गया।
सोशल मीडिया पर पेपर आउट का मामला
सोशल मीडिया पर 12वीं हिंदी पेपर लीक होने का मामला गरमाया हुआ है। एबीवीपी के मुताबिक शाजापुर के कोचिंग क्लास संचालक ने टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया और विद्यार्थियों को पेपर भेज दिए। छात्रनेता घनश्यामं चौहान का कहना है कि हिंदी विषय का सेट ए का पूरा पेपर टेलीग्राफ पर सुबह 6 बजकर 59 मिनट पर आ चुका था। इसको लेकर शुक्रवार को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपेंगे। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है।
12वीं के एक और 10वीं के तीन विषयों की परीक्षा में विद्यार्थियों को ओएमआर शीट दी जाएगी। पहली बार शीट मिलने से विद्यार्थियों ने कुछ गलतियां कर दी हैं, लेकिन मूल्यांकन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। विद्यार्थियों की जानकारी विभाग के पास मौजूद है। -मंगलेश व्यास, डीईओ