मूंग खरीदी में मिलीभगत का खामियाजा भुगत रहे किसान

मूंग खरीदी में मिलीभगत का खामियाजा भुगत रहे किसान

जबलपुर। ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द बेचकर किसानों को पछताना पड़ रहा है। जिले में मूंग खरीदी में भ्रष्टाचार को स्वयं प्रशासनिक अधिकारियों ने उजागर किया है। ऐसे में कई किसानों का भुगतान रुक गया है। इसे लेकर भारत कृषक समाज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजा है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि खरीद एजेंसी, सर्वेयर, वेयर हउस मालिकों, प्रबंधकों कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से अमानक, निम्न गुणवत्ता की मूंग की खरीदी हुई है। किसानों की शिकायत के बाद भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केके अग्रवाल ने भेजे गए शिकायती पत्र में कहा है कि गोदामों में मिलावट कर भारी मात्रा में हेराफेरी की गई है। कई जगह रिकॉर्ड के अनुसार वास्तविक खरीद और मौके पर गोदाम के भौतिक सत्यापन में भारी अंतर देखा गया है। आरोप है कि करोड़ों रुपए की उपज का बंदरबांट हुआ है। एक गोदाम में हुई कार्रवाई के बाद न्याय संगत कार्रवाई की जाए तो अनेक जगह फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।

रोक दिए गए भुगतान

शिकायत में कहा गया कि गड़बड़ियों और जांच के चलते किसानों के भुगतान रोक दिए गए हैं। किसान बहुत परेशान और घबराए हुए हैं, तलवार उन पर भी लटकी दिखाई दे रही है, निकट भविष्य में उन्हें अन्य खरीदी और बीज, खाद से उपज लेना है। ऐसे में किसानों को भुगतान न किए जाने पर उनकी चिंता बढ़ी है। वहीं कथित तौर पर सम्मिलित भ्रष्टाचार का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

सरकार पर किया भरोसा

किसानों का कहना है कि उन्होंने सरकार पर भरोसा कर अपनी उपज बेची है। अब किसानों को उनके परिवार के भरण-पोषण और आगामी कृषि कार्यों के लिए पैसों की जरूरत है। इतने दिनों से उसे भुगतान प्राप्त न होने से उनके सब्र का बांध टूट रहा है, किसानों में बढ़ रहा आक्रोश बड़ा रूप ले, इसके पहले उनका भुगतान होना जरूरी है। गौरतलब है कि इस बार उड़द के लिए किसानों में उत्साह नहीं दिखा, और 5 हजार किसानों ने ही उपार्जन किया था।

ग्रीष्मकालीन फसलों की खरीदी के बाद बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इसका खामियाजा किसान क्यों भुगते। हमारी मांग है कि उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई के साथ किसानों का भुगतान तत्काल किया जाए। केके अग्रवाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकृस