आग की घटना से 36 बच्चों के परिजनों की जान रही सांसत में
जबलपुर। पिकनिक मनाने 10 दिसंबर को डुमना नेचर पार्क जा रही बस में आग की घटना से अभिभावकों की जान सांसत में है। अभिभावकों की मानें तो ऐसे मामलों में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होती है। बस में 36 बच्चे सवार थे, यदि बड़ा हादसा हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। उल्लेखनीय है कि जिले में निजी स्कूलों और कॉलेजों के लिए 100 से अधिक बसें संचालित हो रही हैं। बसों का हर पैमाने पर फिट होना भी जरूरी है, ठेके पर स्कूलों में लगी इस बसों के अंदरूनी हालत खस्ता हैं। ऐसी एक भी बस नहीं है जिसे पूर्ण रूप से दुरुस्त माना जाए। ऊपरी पेटिंग- डेंटिंग करवाकर स्कूलों में लगाई इस बसों की जल्द जांच नहीं की जाती तो बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।
निजी स्कूल की थी बस
बताया गया है कि बस क्रमांक एमपी 20 डीए 0794 एक निजी स्कूल की बताई गई है। इसे पिकनिक के लिए किराए पर लिया गया था। जानकारी के अनुसार बस मालिक राजेश कुमार सेन है तथा कागजों पर बस का फिटनेस 30 सितम्बर 2024 तक, बीमा 21 सितम्बर 2024 तक व परमिट 22 दिसम्बर 2023 तक वैध बताया जा रहा है।
सिर्फ फीस से सरोकार
शहर के अंदर अथवा हाइवे पर जितने भी सड़क हादसे हो रहे हैं उन हादसों का यदि शत प्रतिशत जिम्मेदार परिवहन विभाग को माना जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आरटीओ कार्यालय में खुले आम दलालों के माध्यम से 1100/- रुपये लेकर दो पहिया, चार पहिया वाहन चलाने का लाइसेंस दे दिया जाता है, स्कूल बस हो अथवा रूट परमिट पर चलने वाली बसें सभी से पांच हजार रुपये लेकर उनका फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का धंधा खूब फल फूल रहा है।
मेरा बेटा पिकनिक पर गया था। जैसे ही सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी लगी मैं तत्काल घटना स्थल के लिए रवाना हो गया। अब कभी ऐसे आयोजनों में नहीं भेजेंगे। -शरद दुबे, अभिभावक
यह तो गनीमत रही कि तत्काल बच्चों को बस से उतार लिया गया। पल भर में बड़ी घटना होने से बच गई। इस घटना के लिए बस चालक और स्कूल प्रबंधन को जवाब देना होगा। -सचिन रोहरा, अभिभावक