लोगों की जानकारियां चुरा रहीं सुप्रीम कोर्ट की फेक वेबसाइट्स

सीजेआई ने सुनवाई के दौरान किया अलर्ट

लोगों की जानकारियां चुरा रहीं सुप्रीम कोर्ट की फेक वेबसाइट्स

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को आगाह किया है कि नकली वेबसाइट्स बनाकर ठगने की कोशिश की जा रही है। फर्जी वेबसाइट्स बनाकर लोगों को गुमराह करके उनकी निजी जानकारियां मांगी जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी नोटिस में लोगों को इससे बचने की सलाह दी गई। साथ ही ये बताया कि कोर्ट की रजिस्ट्री कभी भी किसी से निजी जानकारी नहीं मांगती। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा जारी नोटिस के अनुसार हम जनता को सलाह देते हैं कि वे प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना किसी भी लिंक पर न तो क्लिक करें और न ही शेयर करें। दरअसल गुरुवार को सीजेआई संविधान पीठ में आर्टिकल 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा, कृपया सावधान रहें। उस लिंक पर क्लिक न करें, मौद्रिक लेनदेन के लिए इसका उपयोग न करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कोर्ट की वेबसाइटf www.sci.gov.in है, लेकिन http://cbins/scigv.com// https://cbins.scigv.com/offence इस तरह की फर्जी वेबसाइट्स बनाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

कैदियों की अप्राकृतिक मौतों का प्रमुख कारण आत्महत्या

देशभर की जेलों में 2017 से 2021 के बीच हुई 817 अप्राकृतिक मौतों का एक प्रमुख कारण आत्महत्या है। जेल सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने जेलों में अप्राकृतिक मौतों को रोकने के लिए आत्महत्या रोधी बैरक बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अमिताव रॉय की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि 817 अप्राकृतिक मौतों में से 660 आत्महत्याएं थीं और इस अवधि में यूपी में सबसे अधिक 101 आत्महत्याएं दर्ज की गर्इं। समिति ने कहा, जेल में संभावित फांसी स्थल और संवेदनशील स्थानों की पहचान कर उन्हें बदलने के साथ आत्महत्या प्रतिरोधी बैरक का निर्माण किए जाएं।