प्रैक्टिकल व वायवा लेने आने वाले एक्सपर्टों को टैक्सी के बजाए ट्रेन से आना होगा

प्रैक्टिकल व वायवा लेने आने वाले एक्सपर्टों को टैक्सी के बजाए ट्रेन से आना होगा

ग्वालियर। जीवाजी विवि में प्रैक्टिकल और वायवा लेने के लिए आने वाले एक्सपर्टों को ट्रेन से आना होगा। अगर एक्सपर्ट टैक्सी से आते हैं तो विवि बिल का भुगतान नहीं करेगा। विवि प्रशासन यह निर्णय आर्थिक व्यय रोकने के लिए करने जा रहा है। विवि की अध्ययनशालाओं के विभागाध्यक्षों द्वारा प्रैक्टिकल और वायवा के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों से विषय विशेषज्ञों को बुलाया जाता है। ग्वालियर आने के लिए ट्रेन रूट होने के बाद भी एक्सपर्ट ट्रेन के बजाए टैक्सी से आते हैं और बिल भुगतान के लिए थमा देते हैं। ट्रेन की तुलना में टैक्सी का बिल ज्यादा होता है। इसे लेकर कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने निर्णय लिया है कि एक्सपर्टों को जिस विवि या संस्थान से बुलाया जा रहा है और वहां से ग्वालियर के लिए सीधा ट्रेन रूट है तो उन्हें टैक्सी के बजाए ट्रेन से आने के लिए कहा जाएगा। अगर वह टैक्सी से आते हैं तो विवि बिल का भुगतान नहीं करेगा।

टैक्सी का किराया 12 हजार से अधिक होता है

प्रैक्टिकल व वायवा लेने के लिए एक्सपर्ट टैक्सी से भोपाल से ग्वालियर आते हैं तो टैक्सी का किराया दोनों तरफ का मिलाकर लगभग 12 हजार होता है, जबकि ट्रेन का किराया लगभग 1700 (फर्स्ट एसी) है। विवि को इससे लगभग 10 हजार रुपए एक एक्सपर्ट के आने पर बचेंगे।

विवि में प्रैक्टिकल व वायवा लेने के लिए आने वाले एक्सपर्टों से टैक्सी के बजाए ट्रेन से आने के लिए कहा जाएगा। यह आर्थिक व्यय रोकने के लिए किया जा रहा है। प्रो. अविनाश तिवारी, कुलपति जेयू