एक्सपर्ट ने अगस्त में ही साशा की सेहत को लेकर चेताया था, फिर भी लाए कूनो
ग्वालियर। आशंका जताने वाले अधिकारी झाला को प्रोजेक्ट से कर दिया था दूर नामीबिया से आए आठ चीतों में एक मादा चीता की मौत के बाद वन विभाग में हड़कंप है, चूंकि वहां से आए आठ चीतों को कूनो में रिलीज किया गया था, इसलिए सभी अधिकारी स्वयं को बचाने में जुट गए हैं। इसी बीच, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट और इन्वेस्टीगेशन (डब्ल्यूआईआई) देहरादून के डीन वायवी झाला कहते हैं कि हमने अगस्त माह में ही चेता दिया था कि इन आठ चीतों में तीन की स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन मेरी सुनी नहीं। उल्टे मुझसे ही पल्ला झाड़ लिया गया। झाला ने अगस्त माह में ही भारत सरकार को ई-मेल करके अपनी आशंका और चीतों की स्थिति से अवगत करा दिया था। इसके बाद उन्हें इस प्रोजेक्ट से हटा दिया गया। साशा की मौत के बाद झाला की आशंकाएं सामने आने लगी हैं।
उल्लेखनीय है कि 20 में से 8 चीते नामीबिया के हैं और इन्हें 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों क्वांरेटाइन बाड़े में रिलीज किया गया था। वन्य अमले को मादा चीता साशा से उम्मीद हो चली थी, क्योंकि उसके साथ कूनो के जंगल में नामीबिया के चीते के साथ मेटिंग हो चुकी थी। अगर वह बच जाती तो कूनो नेशनल पार्क को एक नन्हा शावक मिलने की उम्मीद थी। लेकिन, वह संक्रमित हो गई और इसके कारण ही उसकी मौत हुई। श्योपुर के फॉरेस्ट अमले ने भी कहीं न कहीं लेतलाली बरती होगी।
आशंका जताने पर प्रोजेक्ट से हटाया
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि डब्ल्यूआईआई के डीन झाला ने अगस्त 2022 में ही भारत सरकार को ई-मेल भेजकर अवगत कराया था कि नामीबिया के आठ चीतों में तीन चीते मुकुन्द्रा के जंगल में छोड़ देना चाहिए, क्योंकि कूनो में वे प्रगति कर पाएंगे इसकी संभावना कम दिख रही थी। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। बल्कि ई-मेल भेजने के एवज में उन्हें ही प्रोजेक्ट से दूर कर दिया गया।
दो चीतों पर और ग्रहण
नामीबिया से आए आठ चीतों में एक की मौत के बाद दो चीतों पर और ग्रहण लगा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों चीतों का साशा के साथ ज्यादा लगाव था, इसलिए माना जा रहा है कि यह दोनों कमजोर स्थिति में हैं।
मैंने अवगत कराया
थानामीबिया से लाए गए आठ चीतों की स्थिति के बारे में मैंने अगस्त माह में ही भारत सरकार के वन मंत्रालय को ई-मेल भेजकर अवगत करा दिया था। साशा उम्मीद से थी, लेकिन वह नहीं रही। - वायवी झाला, डीन डब्ल्यूआईआई
मेल के बारे में जानकारी नहीं
झाला के मेल के बारे में जानकारी नहीं थी कि उन्होंने दिल्ली में किसे और कब मेल भेजा था। वैसे उनके मेल के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर जितने भी प्रयास किए जा सकते हैं, वह किए जा रहे हैं। भविष्य में इन प्रयासों को और ज्यादा महत्व दिया जाएगा। साशा बीमार थी इसलिए चल बसी। - जसवीर सिंह चौहान, पीसीसीएफ