दोबारा भोपाल में शूटिंग करने को लेकर उत्साहित हूं : हुमा कुरैशी
ओटीटी बना हुमा के लिए वरदान, इन दिनों फिल्म तरला से चर्चा में
हुमा कुरैशी की फिल्म 'तरला' हाल ही में ओटीटी पर नजर आई। इस फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया है। अब वह जल्द ही महारानी सीजन 3 की शूटिंग शुरू करने वाली है। हुमा महारानी वेब सीरीज को अपने कॅरियर के लिए गेम चेंजर मानती है और भोपाल की ब्यूटी से खासी प्रभावित हैं।
ओटीटी पर कंफर्टेबल हूं
ओटीटी एक नया चलन है। मैं इससे काफी खुश और कंफर्टेबल हूं। कोविड के बाद मैं लगातार काम में बिजी थी। कोविड में ही हम ‘बेल बॉटम’ शूट के लिए देश से बाहर चले गए थे। वहां से लौटे तो काम रुका नहीं। उसके बीच में ‘महारानी’ भी आ गई थी। कोविड में लोगों ने उसे देखा और काफी पसंद किया था। मैं इसके लिए सुभाष कपूर और नंदन उमा जी को शुक्रिया कहना चाहूंगी कि उस मुश्किल समय में आपने 'महारानी' को बनाया। जल्द ही इसके सीजन 3 की शूटिंग के लिए भोपाल पहुंच सकती हूं। मुझे भोपाल की ब्यूटी और माहौल बेहद पसंद आया है। दोबारा भोपाल आने को लेकर उत्साहित हूं।
महारानी गेम चेंजर
'महारानी' वेब सीरीज मेरे कॅरियर के लिए गेम चेंजर साबित हुई है। उसके बाद मैं जितने भी प्रॉजेक्ट्स में कर रही हूं, उसको देखकर लगता है कि मेकर्स में कॉन्फिडेंस आ गया है कि ये अपने दम पर कर लेगी। यही अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है।
टिकट प्राइस पर ध्यान जरूरी
मुझे लगता है कि लोगों का टेस्ट बदला है और सिनेमा में जाकर फिल्म देखना महंगा भी हो गया है। इससे इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है। बतौर इंडस्ट्री हमको सोचना चाहिए कि हमें टिकट बेचनी है या समोसे। मेरा मानना है कि फिल्मों को लोगों की पहुंच में लाने की जरूरत है। हम अच्छे सब्जेक्ट पर अच्छी फिल्में भी बनाएं। साथ ही इस पर भी काम करें कि कैसे टिकट प्राइस मैनेज करें कि सब उसको अफोर्ड कर पाएं।
सिनेमा से दूरी का गम नहीं
सिनेमा हमेशा से पहला प्यार रहा है, लेकिन उससे दूरी का कोई गम नहीं है। जैसे तरला फिल्म, जहां तक मुझे पता है हमने ओटीटी के लिए ही बनाई थी। शायद, ये फिल्म सिनेमा पर रिलीज होती तो इसे उतने लोग नहीं देख पाते। हां, कुछ फिल्में होती हैं जो इवेंट होती हैं, तो मन करता है कि उसे सिनेमा पर जाकर देखो। आप रोज घर में मत्था टेकते हैं, लेकिन त्योहारों पर आप मंदिर जाते हैं, तो ये उसी तरह की बात है।
जहां अच्छा काम मिले करती हूं
साउथ फिल्मों का भी मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा है। मैंने काला और वलीमई जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया है। मुझे लगता है कि पैन इंडिया या ग्लोबली कुछ नहीं होता। बतौर कलाकार आपको जहां अच्छा काम मिले आपको करना चाहिए और मैं वही करती हूं।