फोन का ज्यादा प्रयोग कम कर सकता है स्पर्म काउंट

जिनेवा यूनिवर्सिटी का 13 साल का रिसर्च, 50 साल में 50% तक कम हुई क्वालिटी

फोन का ज्यादा प्रयोग कम कर सकता है स्पर्म काउंट

नई दिल्ली। पिछले 50 वर्षों में विश्व स्तर पर पुरुषों के स्पर्म की संख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है। वैज्ञानिकों ने इस गिरावट के लिए प्रदूषण और हमारे द्वारा उपभोग किए जाने वाले भोजन और पानी में मौजूद विषाक्त पदार्थों को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन अब नए शोध में दावा किया गया है कि स्मार्टफोन के अधिक इस्तेमाल से भी स्पर्म काउंट कम हो सकता है और उसकी क्वालिटी खराब हो सकती है। शोध के अनुसार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन उत्सर्जित करने वाले मोबाइल फोन का असर स्पर्म पर होता है। जिनेवा विवि की टीम ने 2005 से 2018 के बीच यह अध्ययन किया है। शोध में 18-22 वर्ष आयु के 2,886 स्विस पुरुषों शामिल थे। इसमें पुरुषों की दो टीम का डाटा लिया गया। एक ग्रुप को दिन में एक बार ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना होता था, जबकि दूसरे पर कोई पाबंदी नहीं थी।

11 मिलियन/एमएल का फर्क

शोध से पता चला है कि उन पुरुषों के ग्रुप में औसत शुक्राणु सांद्रता 56.5 मिलियन/एमएल अधिक थी, जो सप्ताह में एक बार से अधिक अपने फोन का इस्तेमाल नहीं करते थे। दिन में 20 बार फोन का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों के ग्रुप की औसत शुक्राणु सांद्रता 44.5 मिलियन/एमएल थी। दोनों ग्रुप के बीच यह अंतर करीब 11 मिलियन का था। शोध के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल वीर्य की गुणवत्ता, कुल शुक्राणु संख्या, शुक्राणु गतिशीलता और शुक्राणु आकृति तीनों को प्रभावित करता है।

जीवनशैली और पर्यावरण का भी पड़ता है असर

रिपोर्ट के मुताबिक, स्पर्म क्वालिटी और काउंट कम होने के लिए सिर्फ फोन ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि जीवनशैली और पर्यावरण में बदलाव भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। अभी तक सामने आए कई अध्ययनों से यही पता चला है कि पिछले 50 वर्षों में वीर्य की गुणवत्ता में कमी आई है। 50 साल पहले शुक्राणुओं की संख्या औसतन 99 मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर थी, जो कि 47 मिलियन प्रति मिलीलीटर हो गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह चिंताजनक स्थिति है।