अच्छी बारिश के बाद भी किसानों को नहरों से पानी का इंतजार
जबलपुर। हाल ही में हुई बारिश से धान की फसल को एक बार फिर संजीवनी मिली है। जिन कृषि क्षेत्रों में सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं वहां बारिश के रूप में अमृत बरसा है। कई बार आवाज उठाने के बाद भी जर्जर नहरों के सुधार के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। किसानों को अच्छी बारिश होने के बाद भी नहरों से पानी नहीं मिल रहा है और उन्हें नहरों के सुधार की दरकार है।
नहरों के चालू होने से किसानों की कुछ आस जागी भी, तो नहर विभाग में बैठे अधिकारियों की मनमानी से वह आशा भी निराशा में बदल रही है। अंतिम छोर तक पानी पंहुचाने नहर की साफ-सफाई के लिए शासन से राशि तो आ गई, पर सफाई में भेदभाव किया जा रहा है। चहेतों के क्षेत्रों में जाने वाली नहर की साफ सफाई हुई, पर बाकियों की नहीं कराई गई। वर्तमान में नहर में झाड़ी ओर मिट्टी का ढेर लगे हैं, इसके कारण नहरों में पानी नही पंहुच पा रहा है। अंतिम छोर तक पानी नही पंहुचने से फसल खराब हो रही है। पानी का लाभ गरीब और छोटे खेत वाले नही उठा पा रहे हैं।
अंतिम छोर तक पानी नहीं
ग्रामीणों के अनुसार पिछले लगभग 10 सालों से नहर का निर्माण तो हुआ है, लेकिन अंतिम छोर तक आज तक शायद ही ऐसा कोई साल हुआ हो कि अंतिम टेल (छोर) तक पानी पंहुचा हो, इस कारण किसानों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
यहां नहीं पहुंच रहा पानी
मामला पनागर से मुड़िया जाने वाली बाईं तट माइनर नहर का है। इससे आस-पास के गांव में लगभग हजारों एकड़ फसल में पानी पहुंचाया जाता है। जिले में हुई कम बारिश के चलते किसान बोनी में पहले ही पीछे हो चुके हैं, जिन्होंने बोनी करा भी ली है तो उन्हे अब मौसम की मार के चलते फसलों के खराब होने का डर सता रहा है। इन समस्याओं को देखते हुए किसानों के लिए नहरों में पानी छोड़ा गया था लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों के मंसूबो पर पानी फिर रहा है।
नहर अध्यक्ष की भी नहीं सुन रहे
नहर अध्यक्ष द्वारा अधिकारियों को बार बार शिकायत किये जाने के बाद भी अधिकारियों के कानों तक जूं भी नही रेंग रही है। इसके चलते क्षेत्र में किसानों की गलियां तक सुननी पड़ रही हैं। नहर विभाग के अधिकारियों से इस विषय में बात की तो उनके द्वारा दिए जा रहे गोलमोल जबाब से न ही अध्यक्ष और न ही किसान संतुष्ट हो रहे हैं, वही अधिकारी स्वयं कह रहे है कि पानी ऊपर से बन्द किया गया है।
कई लोगों द्वारा बनाये गए अवैध कुलाबों के कारण परेशानी हो रही है, जिसकी शिकायत किये जाने के बाद अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं, यदि यही हालात रहे तो अंतिम छोर के किसानों को नहर का लाभ नही मिल पायेगा। नीरज पटेल, नहर अध्यक्ष